AGRA डॉ। भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के इतिहास में पहली बार अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई ने जीत दर्ज की है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के प्रत्याशी कृष्णमणि त्रिपाठी ने 90 वोटों से शानदार जीत दर्ज की। चुनाव में यह रोचक बात रही कि प्रबल दावेदार माने जा रहे एबीवीपी और समाजवादी छात्र सभा के प्रत्याशी तीसरे और चौथे स्थान पर खिसक गए।

भाजपा ने फिर खाई शिकस्त

भाजपा की छात्र इकाई माने जाने वाली एबीवीपी पिछले दो चुनाव से अध्यक्ष पद पर शिकस्त खा रही है। बता दें कि आगरा से केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री भाजपा सांसद डॉ। रामशंकर कठेरिया अंबेडकर विश्वविद्यालय में ही शिक्षक हैं और यह केंद्रीय मंत्री का गढ़ है। इस गढ़ से सेंध लगाकर एनएसयूआई ने अध्यक्ष पद पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।

प्रदीप चाहर दूसरे स्थान पर

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से बगावत कर चुनाव में कूदे प्रदीप चाहर दूसरे स्थान पर रहे। इससे सीधा-सीधा संकेत माना जा रहा है कि टिकट वितरण में संगठन के पदाधिकारी सही अंदाजा नहीं लगा सके। इसके साथ ही चाहर ने संगठन के अधिकृत प्रत्याशी को तीसरे स्थान पर पटककर यह भी साबित कर दिया कि यदि टिकट उसे मिलता तो वह जीत जाता। महज 90 मतों से हार यह बताती है कि उसे संगठन के थोड़े से भी मत मिल जाते तो वह जीत जाता। अन्य पदों पर जीत भले ही एबीवीपी के लिए सुकून की बात रही।

काम करने वालों की जीत

छात्र संघ चुनाव में एनएसयूआई की जीत के बाद अध्यक्ष कृष्ण मणि ने कहा कि छात्रों ने साबित कर दिया कि पूरे वर्ष यूनीवर्सिटी में काम करने वाले संगठन को ही जीत मिलती है। वहीं संगठन के प्रदेश स्तरीय नेता धर्मेन्द्र चाहर ने कहा कि केवल चुनाव में दिखने वाले छात्र संगठनों को विद्यार्थियों ने करारा जवाब दिया है।

सपा को मिली करारी हार

सूबे के मुखिया अखिलेश यादव ने विश्वविद्यालय की इच्छा के विरुद्ध चुनाव कराए थे। सेशन खत्म होने के कगार पर हुए चुनावों में सपा छात्र सभा का पत्ता साफ हो गया। सत्तारुढ़ पार्टी होने का फायदा मिलने की उम्मीद धराशायी हो गई। बस केवल यही गनीमत रही कि उसका बागी भूरी सिंह पांचवे नंबर पर चला गया।