- राधा गोविंद पब्लिक स्कूल में एसी प्लांट की रिपेयरिंग के दौरान हादसा

- बेसमेंट के चल रहा था प्ले स्कूल, घटना के बाद बच्चों को घर भेजा

- बच्चों के बैग क्लास में छोड़ बाहर निकाला, घर भेजे गए बच्चे

- मौके पर पहुंचे मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

Meerut: गढ़ रोड स्थित राधा गोविंद पब्लिक स्कूल के बेसमेंट में केजी एक्टीविटी रूम से सटे एसी प्लांट में रिपेयरिंग के दौरान जोरदार धमाका हुआ, जिसमें एक मैकेनिक की मौत हो गई, जबकि एक अन्य कर्मचारी दीवार तोड़ता हुआ बाहर आकर गिरा। घायल को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया और मृतक युवक को बाहर निकाला गया। कोई बच्चा इसकी चपेट में नहीं आया।

यह था मामला

मेडिकल थाना क्षेत्र के इस स्कूल के बेसमेंट में छोटे बच्चों के लिए प्ले क्लासेज हैं। स्कूल में करीब अस्सी टन का कूलिंग प्लांट है, जो पूरी बिल्डिंग की क्लासेज को ठंडा रखता है। पिछले तीन-चार दिनों से स्कूल में गर्मी के चलते एसी की रिपेयरिंग का काम चल रहा है।

ये कर रहे थे काम

एसी रिपेयरिंग का काम गढ़ रोड पर राजा रानी मंडप के सामने स्थित क्लाइमेटाइजर्स एयरकॉन प्राइवेट कंपनी को दिया हुआ है, जिसके मैनेजिंग डायरेक्टर एके गोयल हैं। इसके लिए इन्होंने दो कर्मचारियों को लगाया था। इफ्तेकार जाकिर कॉलोनी और सादिक अलीपुर जिजमाना का रहने वाला है। सादिक ने एक दिन पहले ही इस कंपनी को ज्वाइन किया था।

हो गया धमाका

सोमवार को एसी रिपेयरिंग के लिए सादिक और इफ्तेकार दस बजे स्कूल में पहुंचे और गैस वैल्डिंग के लिए छोटा सिलेंडर लेकर प्लांट के अंदर चले गए। क्क्:भ्म् पर इन्होंने जैसे ही किसी पाइप को बेल्ड करना शुरू किया तो अचानक कंप्रेशर में जोरदार धमाका हुआ। धमाका होते ही सादिक दीवार तोड़ता हुआ केजी एक्टीविटी रूम में आकर गिरा। छत भी डैमेज हो गई।

बेहद खौफनाक सीन था

इस धमाके के साथ बेसमेंट की गैलरी की छत भी प्रेशर के साथ नीचे उखड़ आई। धमाका इतना भयंकर था कि बच्चों और टीचर्स में भगदड़ मच गई। टीचर्स ने किसी तरह बच्चों को जल्दी-जल्दी बिल्डिंग से बाहर निकाला। बच्चों को उनकी किताबें और बैग वहीं छुड़वा दिए गए। क्लासेज में कॉपी और पेंसिल टेबल पर पड़ी थीं। जो इस धमाके की कहानी बयां कर रही थी। इस रूम तक की छत उखड़ चुकी थी। साइड से दीवार में भी क्रेकिंग थी। अगर यह बेसमेंट की छत पूरी गिरती और मासूम होते तो बड़ा हादसा हो सकता था।

घंटो बाद निकली लाश

बारह बजे लंच का टाइम होता है और इससे पहले ही बच्चों को उनके घर भेज दिया गया। इसके बाद पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचा। स्कूल प्रबंधन ने सादिक को आनंद हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया था। हालत बिगड़ी तो उसे दिल्ली रेफर कर दिया गया। सादिक की हालत गंभीर बनी हुई है। इफ्तेकार का शव एसी प्लांट में ही फंसा रह गया, जिसे केजी एक्टिविटी रूम की टूटी छत से निकालने का प्रयास किया गया। करीब दो घंटे मशक्कत के बाद शव बाहर निकाला गया।

परिवार का बुरा हाल

बॉडी की हालत देखकर लोगों की रूह कांप गई। वह बुरी तरह जल चुका था। इफ्तेकार के परिवार वाले उसकी मौत की सूचना पाते ही स्कूल पहुंच गए थे। परिवार वालों ने जब उसकी बॉडी देखी तो उनका रो-रोकर बुरा हाल था। इफ्तेकार के पिता और भाई की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। सात साल से इफ्तेकार इस कंपनी में जॉब कर रहा था। हाल ही में उसकी शादी भी होने वाली थी।

बिल्डिंग गिरती तो

इस धमाके के साथ कंप्रेशर दो टुकड़ों में बट गया। एक दीवार भी क्रेक होकर पीछे हो गई। धमाके से पूरी बिल्डिंग नीचे गिर सकती थी। बेसमेंट में क्लासेज चलाना प्रतिबंधित है। फायर विभाग ने कैसे दी एनओसी? जबकि चीफ फायर ऑफिसर राकेश राय के समय में इस स्कूल को नोटिस भी जारी किया गया था। मौजूदा सीएफओ ईश्वर सिंह सोनी इस मामले में बात करने को तैयार नही हैं। वे एसी और उसकी कंपनी को लेकर अटके हुए हैं।

प्रबंधन ने संवेदना जताई

राधा गोविंद पब्लिक स्कूल के पिछले भाग में एसी प्लांट रूम है। जहां सामान्य सर्विस के लिए गढ़ रोड स्थित क्लाईमेंटाइजर नामक कंपनी के मैकेनिक आए। इनके पास स्कूल के एसी का वार्षिक रखरखाव का एग्रीमेंट है। कंपनी के दो कर्मचारी सादिक व इफ्तेकार प्लांट रूम के अंदर सुबह साढ़े ग्यारह बजे सर्विस करने आए थे। इस दौरान अज्ञात कारणों से प्लांट रूम में विस्फोट हो गया। कंपनी के कर्मचारी सादिक को घायल अवस्था में आनंद अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से उसको सफदरजंग हॉस्पिटल भेज दिया गया। इफ्तेकार की मौके पर मौत हो गई। मृतक के परिजनों के प्रति संस्थान की गहरी संवेदना है और दुख की इस घड़ी में राधा गोविंद परिवार उनके साथ है। सभी छात्र व कर्मचारी सुरक्षित हैं। अगले आदेश तक स्कूल जांच के लिए बंद कर दिया गया है।

- एमएस मैथ्यू, प्रशासनिक अधिकारी

हमारे यहां एसी प्लांट साल ख्000 में लगा था। पिछले चौदह साल से इसी कंपनी को इसकी देखरेख के लिए ठेका दिया जाता है। दोनों कर्मचारियों के अनुसार कंप्रेशर में कम गैस थी और पीसीबी में प्रॉब्लम बताई थी। इन लोगों ने कंप्रेशर को ऑन करके उसमें गैस डालनी शुरू कर दी थी। जबकि ये लोग इस कंप्रेशर को कंपनी में ले जाकर सही कर सकते थे। इस दौरान ही ब्लास्ट हुआ। गैस सिलेंडर का इस्तेमाल कैपलरी ट्यूब में गैस भरने के बाद सील किया जाता है।

- अमित शर्मा, निजी सचिव चैयरमेन

------------------