- यूपीएसआरटीसी की जनरथ योजना सिर्फ कागजों तक ही सिमटी

- अधिकारियों को ही नहीं पता कि कबसे लागू होगी योजना

LUCKNOW: अब तक न तो एसी बसें आई हैं और न ही किसी को यह मालूम है कि इन बसों को संचालन कब शुरू होगा। जनरथ योजना के तहत संचालित की जाने वाली एसी बसों की सुविधा कब तक पब्लिक को मिलेगी, इस बारे में खुद विभाग को भी पता नहीं है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) की जनरथ योजना सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गई है।

यह थी योजना

परिवहन विभाग ने लगभग एक महीने पर लखनऊ से विभिन्न रूटों पर एसी बसों को संचालित करने का मन बनाया था। ये बसें ख्00 किमी के दायरे में संचालित की जानी थीं। विभागीय अधिकारियों की मानें तो कानपुर, फैजाबाद, गोंडा, सीतापुर जैसी जगहों के लिए भी एसी बसों की सुविधा पब्लिक को मिल सके। इसके लिए ब्ख् सीटर बसों को चलाने की तैयारियां की गई थीं। इन बसों के लिए क्.ख्भ् प्रति किमी की दर से टिकट लिया जाना था। इसके लिए एक अलग डिपो बनाए जाने की बात भी हुई थी। इस योजना को लगभग एक महीना बीत भी चुका है। मगर परिवहन विभाग के अधिकारियों को भी नहीं पता है कि आखिर इन बसों का संचालन कब शुरू होगा।

कानपुर रूट पर सबसे ज्यादा डिमांड

विभागीय अधिकारियों के अनुसार आस-पास के जिलों के लिए एसी बसों की फिलहाल कोई सुविधा नहीं है। इसी को देखते हुए एसी बसों के संचालन किया जाना था जिससे सिर्फ लंबी दूरी में ही नहीं आस-पास के इलाकों के लिए भी एसी बसें पैसेंजर्स को मिल सके। कैसरबाग और आलमबाग दोनों ही जगह पैसेंजर्स की ऐसी बसों की डिमांड कर रहे थे। खासकर, कानपुर रूट पर इसकी डिमांड सबसे अधिक आ रही है।

इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। आस-पास के जिलों के लिए जनरथ योजना को शुरू किया जाना था।

एके सिंह

क्षेत्रीय प्रबंधक।

हम लोगों को अपने बिजनेस के चलते आए दिन कानपुर जाना होता है लेकिन वहां के लिए एक भी एसी बस नहीं है। साधारण बस से वहां तक का सफर तो नर्क से कम नहीं है।

रवि, बिजनेस

शहर में कुछ खास जगहों के लिए ही एसी बसों की व्यवस्था है। आस-पास के जिलों में जाने के लिए हमें साधारण बस सेवा ही लेनी पड़ती है। जबकि दो सौ किमी की दूरी के लिए भी एसी बस व्यवस्था होनी चाहिए।

राजकुमार, प्राइवेट जॉब

भले ही सिटी बसों में एसी व्यवस्था खत्म कर दे। इसमें लोगों को दस से पंद्रह मिनट का सफर करना होता है। लेकिन जहां दो से तीन घंटे को सफर करना हो तो इस मौसम में एसी बस होनी ही चाहिए।

प्रदीप वर्मा, प्राइवेट जॉब