अतुल कहते हैं मुझे तो ये एसी बसें नॉन एसी बस जैसी लगती है। कभी एसी बंद हो जाता है तो कभी पैसेंजर्स के सिर पर एसी का पानी टपकता हैआए दिन खराबी की वजह से बसें डेस्टीनेशन पर पहुंच ही नहीं पातीं और पैसेंजर्स को रास्ते में ही उतार दिया जाता है.

 

परेशान और भी हैं

एसी बसों की खस्ता हालत से सिर्फ अतुल ही अकेले परेशान नहीं बल्कि बस में सफर करने वाला हर पैसेंजर परेशान है। बसें आए दिन रास्ते में खराब हो जाती हैं। कभी एसी खराब होता है तो कभी इंजन हीट अप होता है और कभी रेडिएटर काम करना बंद कर देता है।

 

तो किराया AC का क्यों?

अधिकतर बसों का एसी कुछ दूर की दूरी तय करने के बाद ही बंद हो जाता है। ऐसे में पैसेंजर्स को बिन एसी बस का सफर तय करना पड़ता है। पैसेंजर्स से किराया एसी बस का ही लिया जाता है और फैसिलिटी नॉन एसी बसों जैसी दी जाती है।

 

ऐसी होती है AC buses?

बसों में सीट के ऊपर लगे सर्कुलर वेंट से लगातार पानी टपकता है और पैसेंजर्स गीले होते हैं। आटोमेटिक डोर धक्का देने पर भी नहीं खुलते और इमरजेंसी डोर रस्सी से बांधे गए हैं। बस में लगे फर्स्ट एड बॉक्स में फर्स्ट एड के सामान का अता-पता नहीं बल्कि इसमें ड्राइवर और कंडक्टर अपना सामान रख रहे हैं। रखने वाली डिग्गियां टूट चुकी हैं। नाइट बल्ब की रोशनी और फैंस की हवा भी पैसेंजर्स खा नहीं पा रहे हैं.

 

11 दिन 14 बसें खराब

1-11 जून तक 14 एसी बसें रास्ते में खराब हो चुकी हैंअधिकतर बसें एसी खराब होने के कारण रास्ते में रुकीं तो वहीं कुछ इंजन हिटअप के कारण तो कुछ रेडिएटर और कुछ वेल्यूम खराब के कारण डेस्टीनेशन तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ गई.

 

वापस होता है किराया

बसें खराब होने के बाद पैसेंजर्स को रास्ते में उतार दिया जाता है। जहां पर बस खराब हुई हैं पैसेंजर्स से वहां तक का किराया लेकर बाकी का किराया वापस कर दिया जाता है.