-इविवि में एकेडमिक काउंसिल की बैठक आज, हंगामे के आसार

-कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा के बाद लिया जाएगा निर्णय

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग सोमवार को होने जा रही है। इससे पहले ही शिक्षक भर्ती को लेकर विवादों का दौर शुरू हो गया है। इविवि में फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के हेड ने रजिस्ट्रार और एकेडमिक काउंसिल के मेम्बर को ज्ञापन देकर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवालिया निशान लगाए हैं।

आरक्षण पर भी असंतोष

फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के हेड डॉ। डीसी लाल ने इविवि शिक्षक भर्ती में अपनाए जा रहे स्क्रीनिंग प्रॉसेस को नियमों के विरुद्ध बताया है। उन्होंने शिक्षक भर्ती में ओबीसी, एससी एवं एसटी वर्ग को दिए जा रहे आरक्षण पर भी असंतोष व्यक्त किया है। डॉ। लाल ने विवि प्रशासन से पूछा है कि यदि विवि प्रशासन शिक्षक भर्ती को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कंडक्ट करवाने में विश्वास रखता है तो उसे स्क्रीनिंग क्राइटेरिया और आरक्षण के लिए निर्धारित रोस्टर को वेबसाइट पर ऑनलाइन करने में क्या परेशानी है? डॉ। लाल ने कहा कि वे इस मामले को सोमवार को होने जा रही काउंसिल की बैठक में उठाएंगे।

कोर्ट ने मांगे सभी दस्तावेज

उधर, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इविवि में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पदों के चयन के लिए गठित स्क्रीनिंग कमेटी में अतिरिक्त सदस्य की नियुक्ति पर विवि से जवाब मांगा है। इसे लेकर शारीरिक शिक्षा विभाग के अध्यक्ष दिनेश चन्द्र लाल की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इविवि से पूछा है कि स्क्रीनिंग कमेटी में अतिरिक्त सदस्य क्यों नामित किया गया और याची को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की सूचना दी गई थी या नहीं। कोर्ट ने विवि को स्क्रीनिंग कमेटी के गठन के दस्तावेजों के साथ 30 मार्च को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

42 मिनट पहले दी थी सूचना

यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोंसले एवं न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की पीठ ने डीसी लाल की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन प्रावधान के अनुसार नहीं है। विवि अधिनियम के अनुसार स्क्रीनिंग कमेटी में विभागाध्यक्ष, वरिष्ठ प्रोफेसर व बाहर से एक विशेषज्ञ शामिल किया जाना चाहिए। लेकिन यहां एक की बजाय बाहर के दो विशेषज्ञों को कमेटी में शामिल किया गया है। जब स्क्रीनिंग कमेटी गठित हुई तब वे वरिष्ठ थे। लेकिन उन्हें कमेटी में नहीं रखा गया और बाहरी विशेषज्ञ को शामिल कर लिया गया। उनका यह भी कहना है कि रिक्रूटमेंट सेल के निदेशक प्रो। अनुपम दीक्षित ने स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की सूचना निर्धारित समय से केवल 42 मिनट पहले ई मेल के जरिए दी। इसे उन्होंने अगले दिन देखा। उनका आरोप है कि ऐसा जान-बूझकर किया गया ताकि नियुक्ति में अनियमितता की जा सके। डीसी लाल ने रजिस्ट्रार से इसकी शिकायत भी की है।