- यूपी एसटीएफ की रिपोर्ट पर सरकार ने लिया निर्णय

- सात जिलों में वर्ष 2010 के बाद हुई नियुक्तियों की जांच का आदेश जारी

LUCKNOW :

राज्य सरकार ने प्रदेश भर में परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियों की जांच कराने का फैसला किया है। हालांकि, पहले चरण में सात जिलों में एडीएम की अध्यक्षता में गठित की जाने वाली कमेटी वर्ष 2010 के बाद हुई नियुक्तियों की जंाच करेंगी। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा डॉ.प्रभात कुमार ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है। इनमें ज्यादातर नियुक्तियां अखिलेश और मायावती सरकार के कार्यकाल में हुई थीं। बाकी जिलों के लिये भी जल्द ही आदेश जारी होने की संभावना है।

एसटीएफ ने किया था फर्जीवाड़े का खुलासा

एसटीएफ ने मथुरा में शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियों का खुलासा किया था। इसमें 13 फर्जी शिक्षकों को अरेस्ट किया गया था। जबकि, मथुरा के तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी संजीव कुमार सिंह समेत बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ अन्य कर्मचारी सस्पेंड किये गए थे। हालांकि, उस वक्त अंदेशा जताया गया था कि ऐसा फर्जीवाड़ा प्रदेश के तमाम जिलों में भी किया गया है। जिसके बाद एसटीएफ ने पूरे फर्जीवाड़े की विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजकर पूरे प्रदेश में जांच कराने की सिफारिश की थी।

एडीएम की अध्यक्षता में जांच कमेटी

डॉ। प्रभात कुमार ने बताया कि पिछले कई वर्षो के दौरान विभिन्न जिलों के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर बड़ी संख्या में अनियमित, नियम विरुद्ध और फर्जी नियुक्तियों की जानकारी मिली थी। वर्ष 2010 के बाद हुईं इन फर्जी नियुक्तियों की जांच के लिए आगरा, अलीगढ़, फीरोजाबाद, हाथरस, मुरादाबाद, फतेहपुर और हरदोई के जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर अपर जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित करने के निर्देश दिये गए हैं। अपर पुलिस अधीक्षक और सहायक मंडलीय शिक्षा निदेशक (बेसिक) इस समिति के सदस्य होंगे। जिलाधिकारी अपनी निगरानी में इस जांच को पूरी कराएंगे।

इन बिंदुओं पर होगी जांच

-नियुक्त शिक्षकों का प्रकाशित मेरिट लिस्ट से मिलान

-वेतन लेने वालों का मेरिट लिस्ट का मिलान

-चयनित शिक्षकों के आवेदन, शैक्षिक प्रमाणपत्रों व दस्तावेजों की जांच

-अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत शैक्षिक प्रमाणपत्रों के असल धारक की जांच

-चयनित अभ्यर्थी के मूल पते पर उसका पुलिस सत्यापन कराया गया या नहीं।