- आई कंसर्न

फ्लैग ब्रेस्ट कैंसर को बढ़ावा दे रही देर में शादी की प्रथा

- कैंसर सेंटर पर पहुंचने वाले केसेज में 18 फीसद मामले ब्रेस्ट कैंसर के

- हर साल तीन से चार फीसदी केसेज की हो रही बढ़ोत्तरी

vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: बाबुल की दुआएं लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिलेबदले समय और बदली प्रथा में बाबुल की इस आरजू को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की नजर लग गई है, जिससे बाबुल की लाडो को जूझना पड़ रहा है। बदली लाइफ स्टाइल में बेटियों के हाथ देर से पीले करना इसकी प्रमुख वजह है।

कैंसर ने भी बदला मिजाज

समय के साथ कैंसर ने भी मिजाज बदला है। महिलाओं में सर्वाधिक प्रचलित बच्चेदानी के कैंसर पर चिकित्सा जगत की पकड़ बढ़ी तो ब्रेस्ट कैंसर के केसेज तेजी से सामने आ रहे हैं। इसकी चपेट में ज्यादातर वे युवतियां आ रही हैं, जिनकी देर से शादी हो रही है। कमला नेहरू मेमोरियल हॉस्पिटल के रीजनल कैंसर सेंटर के आंकड़े बताते हैं कि बे्रस्ट कैंसर के मामले में मौजूदा वर्ष में तीन फीसदी तक इजाफा हुआ है। डॉक्टर की माने तो नौकरी और करियर की चाह में देर से शादी, काम के तनाव के बीच लेट प्रेग्नेंसी से बॉडी में होने वाले हार्मोनल चेंजेस इस कैंसर का बड़ा कारण है।

फैक्ट फाइल

मौजूदा वित्तीय वर्ष में कैंसर के केस - 11 हजार

हर साल बढ़ने वाले मरीजों की संख्या- 5 से 10 फीसदी

मुंह और गले का कैंसर - 23 फीसदी

ब्रेस्ट कैंसर के मामले- 18 फीसदी

लंग्स कैंसर के मामले- 10 फीसदी

पित्त की थैली का कैंसर - 25 फीसदी

बच्चेदानी का कैंसर - 20 फीसदी

रेफरल केस

- इलाहाबाद से सबसे अधिक ब्लड कैंसर के मामले होते हैं रेफर

- तकनीकों के अभाव में नहीं हो पाती कई स्पेसिफिक सर्जरी

- मुंबई और दिल्ली रेफर होते हैं केस

- महिलाओं में लेट मैरिज भी उन्हें बीमार कर रही है। हालांकि जागरुकता बढ़ने से मरीजों में सर्वाइवल बढ़ा है। इलाहाबाद में ही कैंसर के इलाज की आधुनिक सुविधा उपलब्ध है।

डॉ। बी पाल, एचओडी रीजनल कैंसर सेंटर

बाक्स-

खोजेंगे क्यों कैंसरदायिनी बनी गंगा

गंगा बेल्ट से जुड़े शहरों में पित्त की थैली के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इलाहाबाद में इस साल ढाई हजार नए मामले प्रकाश में आए। इंडियन कैंसर रिसर्च ऑर्गनाइजेशन इसकी वजह तलाश करेगा। इसके लिए घर घर सर्वे किया जाएगा। बंग्लुरू में 16 से 19 फरवरी के बीच होने वाली मीटिंग में कमला नेहरू मेमोरियल हॉस्पिटल के रीजनल कैंसर सेंटर के एचओडी पदमश्री डॉ। बी पाल भी हिस्सा लेंगे।

फैक्ट फाइल

-इलाहाबाद में पित्त की थैली के कैंसर पेशेंट की संख्या ढाई हजार

-जिले में कुल मरीजों में कैंसर मरीजों की संख्या 25 फीसदी

- 18 फीसदी महिलाओं तो, सात फीसदी पुरुषों में पाया गया यह मर्ज