-बहुत से लोग नहीं जानते कि एक्सिडेंट होने पर मिलती है मुआवजे की रकम

- ट्रैफिक पुलिस ने 22 दिन में 12 सौ से ज्यादा दुर्घटना पीडि़तों को दिलाई मदद

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रोड एक्सिडेंट में घायल होने या जान गंवाने वालों के परिजनों को मोटर एक्सिडेंट क्लेम और मुआवजे की रकम मिलती है। इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को होती है। जिसकी वजह से पीडि़त या उसके परिजन एक्सिडेंट के बाद मुआवजा के लिए क्लेम नहीं करते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। ट्रैफिक पुलिस ने पीडि़त या परिवार को क्लेम दिलाने का बीड़ा उठाया है। वर्ष 2010 से हुए हादसों में घायल या जान गंवाने वाले सैकड़ों लोगों की तलाश कर उनके घर तक क्लेम पहुंचाने के अभियान में लगी है। 22 दिन में 12 सौ से ज्यादा दुर्घटना पीडि़तों को खोजकर मदद दिलाई है।

तीन से सात लाख मुआवजा

एसपी ट्रैफिक सुरेश चंद्र रावत के अनुसार दुर्घटना के मामले में मुआवजे के अलावा बीमा कंपनियों से क्लेम भी मिलता है। वाहन का थर्ड पार्टी बीमा होने की दशा में इंश्योरेंस कंपनी से, और नहीं होने पर वाहन चालक क्षतिपूर्ति अदा करता है। यह रकम तीन से सात लाख रुपये तक की हो सकती है। भुक्तभोगी की उम्र और काम के आधार पर धनराशि बढ़ सकती है।

आठ साल में 1790 मौत

पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक

वर्ष-2010 से वर्ष-2017 तक शहर में कुल 2990 दुर्घटनाएं हुई हैं।

इनमें 1790 लोगों की मौत हुई जबकि बाकी घायल हुए।

इन हादसों में सिर्फ 1400 लोगों ने ही क्षतिपूर्ति का दावा किया।

शेष को पता ही नहीं है कि दुर्घटना की स्थिति में उन्हें ऐसी कोई मदद भी मिलती है। ट्रैफिक पुलिस ने इसे अभियान की तरह चलाकर

पिछले 22 दिनों में 12 सौ से ज्यादा लोगों की तलाश कर उनका क्लेम दाखिल कराया है।

बयान

इस संबंध में 6 मार्च को सभी थानों की बैठक बुलाई गई थी और चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। हालांकि 22 दिन के समय में अधिकतर क्लेम भरवा दिए गए हैं। शेष दावेदारों की खोज में पुलिस लगी हुई है। आगे होने वाली दुर्घटनाओं में 100 फीसदी क्लेम भरा जाएगा।

सुरेश चंद्र रावत, एसपी ट्रैफिक वाराणसी

8 साल के आंकड़े

2990 दुर्घटनाएं हुई बनारस में

1790 लोगों ने गंवाई जान

1200 लोग कम या ज्यादा घायल हुए

1400 पीडि़तों ने किया मोटर एक्सिडेंट क्लेम

1590 पीडि़त ऐसे हैं जिन्हें पता ही नहीं कि क्लेम के बारे में

50 हजार से 3 लाख रुपये तक घायलों को मदद होती है

3 से 7 लाख रुपये तक की मदद मृतक आश्रितों को मिलता है