सडक़ों पर मौत का खेल
यूपी में 53.1 परसेंट मौतें सडक़ हादसों में हुई हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक रोड और रेल से होने वाले हादसों में इंडिया में यूपी चौथे नंबर पर है।
इंडिया में एक्सीडेंट
साल- एक्सीडेंटल डेथ- रेट
2007-340794-30.0
2008-342309-29.7
2009-357021-30.5
2010-384649-32.4
2011-390884-32.3
चौथे नंबर पर मेरठ
2011 में 997 लोगों ने अलग-अलग एक्सीडेंट्स में अपनी जान गंवाई। जो देश में हुई कुल मौतों का 1.6 परसेंट है। हादसों की फेहरिस्त में मेरठ प्रदेश में चौथे नंबर पर है। बीते साल की तुलना में इस साल एक्सीडेंट्स कुछ कम हुए। 2010 में 1014 मौतें एक्सीडेंट्स के कारण हुई थी, जबकि 2011 में ये आंकड़ा 997 पर है। लेकिन इससे ये कतई न समझा जाए कि इसमें शासन और प्रशासन की कुछ सफलता है.
मेरठ में रोड एक्सीडेंट्स
कुल घटनाएं-958
घायल मेल-592
घायल फीमेल-65
मरे मेल-362
मरी फीमेल-49
ये महीने खतरनाक
आंकड़ों के मुताबिक मार्च और जून के महीने में सडक़ों ने सबसे ज्यादा जानें लीं। इन दो महीनों में हर रोज एवरेज तीन मौतें हुई हैं। जनवरी से मार्च तक 230, अप्रैल से जून तक 254, जुलाई से सितंबर तक 243 और अक्टूबर से दिसंबर तक 231 एक्सीडेंट हुए। एक्सीडेंट्स की टाइमिंग देखी जाए तो सबसे ज्यादा एक्सीडेंट्स शाम छह बजे से नौ बजे के बीच हुए.
किस महीने में कितनी मौत
जनवरी-64
फरवरी-68
मार्च-98
अप्रैल-77
मई-79
जून-98
जुलाई-87
अगस्त-81
सितंबर-75
अक्टूबर-91
नवंबर-69
दिसंबर-81
मेरठ में किस समय कितनी मौत
समय- रात 1 से 3 बजे- 41
समय- सुबह 3 से 6 बजे- 101
समय- सुबह 6 से 9 बजे- 95
समय- सुबह 9 से 12 बजे- 167
समय- दोपहर 12 से 3 बजे- 159
समय- दोपहर 3 से 6 बजे- 122
समय- शाम 6 से 9 बजे- 174
समय- रात 9 से 12 बजे- 99
उम्र की बात की जाए तो एक्सीडेंट्स में 15 से 29 साल के लोगों ने सबसे ज्यादा जानें गंवाई.
14 साल तक
मेल - 36
फीमेल - 21
टोटल - 57
15 साल से 29 तक
मेल - 333
फीमेल - 82
टोटल - 415
30 से 44 साल तक
मेल - 298
फीमेल - 58
टोटल - 356
45 से 59 साल तक
मेल - 116
फीमेल - 16
टोटल - 133
60 साल और ज्यादा
मेल - 28
फीमेल - 8
टोटल - 36
एक्सीडेंट्स में मेरठ की रैंक
शहर            एक्सीडेंटल डेथ रेट
1. आसनसोल     107.1
2. कानपुर:          76
3. पुणे              73
4. मेरठ:             70
5. दुर्ग भिलाई नगर   69.1
6. जयपुर            68.1
किन वाहनों से ज्यादा मौत
आंकडों की पर गौर करें तो सडक़ों पर चलते समय कार और जीप से सावधान रहने की जरूरत है। आंकड़ों के मुताबिक ट्रक, लॉरी, बस, टेंपो, जीप, कार और थ्री व्हीलर से कुल 411 मौतें हुई हैं। जिसमें ट्रक से 53, सरकारी बस से 15, प्राइवेट बस से 38, सरकारी वैन से 3 और प्राइवेट वैन से 21, जीप से 62, कारों से 158, थ्री व्हीलर से 46 मौतें हुई है.