-एक्सीडेंट के मामले में रिटायर्ड दरोगा और बेटों ने थाने में की गुंडई

-पुलिस ने सख्ती कर सभी को हवालात में किया बंद

BAREILLY : कोतवाली मंडे दोपहर मारपीट का अखाड़ा बन गई। एक्सीडेंट के मामले में समझौते के दौरान रिटायर्ड दरोगा ने बेटों व उसके दोस्त के साथ मिलकर थाने में जमकर गुंडई की। पुलिस की मौजूदगी में एक्सीडेंट में घायल और उसके परिजनों के साथ मारपीट शुरू कर दी। पुलिस वाले ने रोकने की कोशिश की तो उनके साथ भी धक्का-मुक्की शुरू कर दी। जिस पर थाने में मौजूद पुलिस सख्ती दिखाकर सभी को खदेड़कर हवालात में बंद कर दिया। उसके बाद थाना पुलिस ने एफआईआर और गिरफ्तारी में खेल कर दिया। पुलिस ने पहले 151 में मामला दर्ज किया, लेकिन जब मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया तो फिर पुलिस ने आईपीसी की धारा 352 और 354 के तहत एफआईआर दर्ज की।

 

यू टर्न लेने से हुआ एक्सीडेंट

आरिफ पुर, नवादा सिविल लाइंस बदायूं निवासी नसीम खां, बरेली में प्राइवेट कंपनी में जॉब करता है। वह अपनी ससुराल कंघी टोला किला में रहता है। मंडे को वह बाइक से ऑफिस जा रहा था। जैसे ही वह चौकी चौराहा से प्रभा टॉकिज के सामने पेट्रोल पंप के पास पहुंचा कि तभी सेंट्रो कार ने यूटर्न लिया, जिससे वह बाइक समेत गिर गया। वह उठकर पेट्रोल पंप पर पहुंचा और कार सवार से शिकायत की लेकिन कार सवार ने एक्सीडेंट करने से ही इनकार कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस दोनों को कोतवाली लेकर पहुंची। यहां पर दोनों के परिजन भी पहुंच गए।

 

समझौते के दौरान झगड़ा

नसीम खां की ओर से उसके पिता, साले व अन्य लोग पहुंचे तो कार सवार रिटायर्ड एसआई राजेश सक्सेना, उसके बेटे प्रियम, अभिनव और प्रियम का दोस्त शैलेंद्र वर्मा पहुंच गए। राजेश सक्सेना रामपुर के शाहबाद थाने से रिटायर्ड हैं। प्रियम, यस बैंक में जॉब करता है। अभिनव बीकॉम थर्ड ईयर का स्टूडेंट और उसका दोस्त प्राइवेट जॉब करता है। एक्सीडेंट के बाद दोनों पक्ष आपस में समझौता करना चाह रहे थे। इसी को लेकर एसएसआई के सामने दोनों पक्ष बैठकर अपनी बात रख रहे थे। इसी दौरान दोनों पक्षों में गहमा गहमी शुरू हो गई और फिर नौबत मारपीट तक आ गई। आरोप है कि रिटायर्ड एसआई व उसके पक्ष के लोगों ने पहले हाथापायी शुरू की।

 

नही चली सिफारिश

एसएसआई व अन्य पुलिसकर्मियों के मना करने पर भी नहीं मानें तो उन्हें कार्यालय में बैठा दिया गया। यहां भी मारपीट शुरू हो गई। जिसके बाद पुलिस ने दरोगा और उनके बेटों को हटाने की कोशिश की तो वह पुलिस से भी उलझ गए। जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने उनकी जमकर पिटाई की और फिर हवालात में बंद कर दिया। सूचना पर पहुंचे एसएचओ गीतेश कपिल ने सभी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। रिटायर्ड दरोगा की सिफारिश में एक डिप्टी एसपी भी पहुंचे लेकिन उनकी नहीं चल सकी।

 

फिर भी पुलिस ने किया खेल

थाने में गुंडई और मारपीट के बाद भी थाना पुलिस रिटायर्ड दरोगा पर रहम दिल हो गई। पुलिस ने एक्सीडेंट की तो एफआईआर दर्ज कर ली, लेकिन थाने में गुंडई पर सिर्फ शांतिभंग की कार्रवाई की। उन्हें तुरंत मजिस्ट्रेट के सामने भी पेश किया गया, जिससे उन्हें जमानत मिल गई। इस मामले को सीनियर अधिकारियों से भी छिपाया गया। जब मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया तो फिर पुलिस ने रिटायर्ड दरोगा व उसके साथियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 352 और 354 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली।