स्कूल खुलने से पहले ही आई नेक्स्ट ने आगाह किया था कि सिटी की बदहाल रोड्स से बच्चे स्कूल कैसे जाएंगे। एडमिनिस्ट्रेशन ने इस पर ध्यान नहीं दिया और नतीजा अब सामने आने लगा। सैटरडे को वही हुआ जिसका डर था। बच्चों को स्कूल से घर ले जा रहा एक रिक्शा पॉट होल में फंसकर पलट गया। पांच बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। ऐसे में आप अपने बच्चे को स्कूल भेजने से पहले इतना जरूर सोच लें कि उसका रिक्शा तो उन रोड्स से होकर नहीं गुजरता है जिनकी हालत बुरी है.

किसी का सिर फटा तो

सैटरडे को शीलिंग हाउस स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को लेकर घर जा रहा एक रिक्शा पलट गया। रिक्शा हर्ष नगर-अशोक नगर की टूटी-फूटी रोड्स से गुजरता हुआ एएनडी कॉलेज वाली गली तक तो किसी तरह पहुंच गया। लेकिन हर्ष नगर की ऊंची-नीची रोड्स को क्रॉस नहीं कर सका। नतीजा ये हुआ कि खस्ताहाल रोड्स के पॉट होल्स में फंसने और एक्सेल टूटने की वजह से रिक्शा पलट गया। हादसे में किसी बच्चे का सिर फटा तो किसी के चेहरे और नाक में चोट लगी।

यहां से निकलना है मजबूरी

हर्षनगर-अशोक नगर रोड से डेली राजदेव अपना रिक्शा लेकर गुजरता है। राजदेव के मुताबिक उसकी मजबूरी है कि बच्चे ब्रह्मनगर, जवाहर नगर और आसपास के एरिया में रहते हैं। इस वजह से वो इन गलियों से होकर गुजरता है। रोज की तरह सैटरडे को भी वो हर्ष, सुयश, अमन, धैर्य, हिमांशु, अन्नू समेत कई बच्चों को स्कूल से घर लेकर जा रहा था। खस्ताहाल हर्षनगर-अशोक नगर मेन रोड के पॉट होल्स से बचने के लिए रिक्शा एएनडी कॉलेज जाने वाली गली में मोड़ दिया। आरसीसी रोड से जैसे ही रिक्शा मुरलीधर अग्र्रवाल के घर के सामने पहुंचा था कि पॉट होल्स में पहिया फंसते ही उसका एक्सेल टूट गया। एक्सल टूटते ही रिक्शा पलट गया। गगन, घनश्याम समेत सभी बच्चों को रिक्शे से बाहर निकाला। 13 साल के हर्ष सक्सेना और अन्नू के खून बहने लगा। पता बताने पर लोग उसे घर ले गए। उसके सिर से खून बहते देख पिता प्रभात और चाचा विशाल सक्सेना घबरा गए। उसे तुरंत पास में स्थित नवयुग नर्सिंग होम ले गए। उसके सिर पर 6 टांके लगे हैं.