छ्वड्डद्वह्यद्धद्गस्त्रश्चह्वह्म : कोल्हान विश्वविद्यालय के चाईबासा स्थित मुख्यालय में शुक्रवार को कुलपति डॉ। शुक्ला मोहांती की अध्यक्षता में हुई सिंडिकेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। को-ऑपरेटिव कॉलेज के छात्रों की ओर से मांग की जा रही थी कि छात्रों का दुर्घटना बीमा कराया जाए। सिंडिकेट की ओर से इस मसले पर विचार करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया। कमेटी दुर्घटना बीमा को लेकर संभाव्यता प्रतिवेदन देगी। उसके बाद निर्णय किया जाएगा। यदि दुर्घटना बीमा की सुविधा यहां लागू की गई तो कोल्हान विश्वविद्यालय राज्य का पहला ऐसा विश्वविद्यालय होगा जहां यह सुविधा लागू की जाएगी।

अलग-अलग पास जरुरी नहीं

बैठक में च्वाइस बेस क्रेडिट सिस्टम के तहत परीक्षा दे रहे छात्रों को अलग-अलग एक्सटर्नल व इंटरनल परीक्षा में उत्तीर्ण करने की बाध्यता समाप्त करने का निणर्य लिया गया। अब दोनों को मिलाकर छात्रों को उत्तीर्ण करना होगा। पिछले दिनों सीबीसीएस के तहत प्रथम सेमेस्टर परीक्षा परिणाम में बड़ी संख्या में छात्रों को प्रोमोट किए जाने को लेकर मचे घमासान के बाद सिंडिकेट सदस्य अमिताभ सेनापति ने यह बात रखी कि प्रथम सेमेस्टर में 80 प्रतिशत प्रोमोट किए गए छात्रों के यूनिवर्सिटी एग्जाम व इंटरनल एग्जाम के अंकों को जोड़कर परिणाम जारी किया जाए।

सुलझेगा प्रमोशन का मामला

वर्ष 2006 से अटकी जमशेदपुर के अब्दुल बारी मेमोरियल कॉलेज के शिक्षकों को प्रोन्नति मामले को जल्द सुलझाने का निर्णय किया गया। इससे संबंिधत मसले को झारखंड लोकसेवा आयोग को भेजा जाएगा। जेपीएससी से स्वीकृति मिलते ही यहां के शिक्षकों को प्रोन्नति मिल सकेगी।

बैठक में ये रहे उपस्थित

कुलपति डॉ। शुक्ला मोहांती, प्रतिकुलपति डॉ। रंजीत कुमार सिंह, कुलसचिव डॉ। एसएन सिंह, प्रॉक्टर डॉ। एके झा, सिंडिकेट सदस्य राजेश शुक्ला, मनोज सिंह, डीएसडब्ल्यू डॉ। सीके रमन, वित्त अधिकारी सुधांशु कुमार, वित्त परामर्शक मधुसूदन, सहायक रजिस्ट्रार एमके मिश्रा, परीक्षा नियंत्रक डॉ। पीके पाणि, सिंडिकेट सदस्य अमिताभ सेनापति, डॉ। नीलम सिंह सहित अन्य।

वोकेशनल शिक्षकों को समय पर भुगतान

वेतन भुगतान में अक्सर विलंब को लेकर समस्या का समाधान करते हुए तय किया गया कि वोकेशनल शिक्षकों के लिए एकमुश्त चार माह की राशि आवंटित कर दी जाएगी ताकि हर महीने समय पर उन्हें वेतन प्राप्त हो सके। उपयोगिता प्रमाणपत्र मिलने के बाद फिर अगले चार माह के लिए राशि आवंटित की जाएगी।