- आबादी हो गई ज्यादा, पोस्टमैन हुए कम

- बढ़ी आबादी में सही से नहीं हो पा रहा डाक का वितरण

GORAKHPUR: निर्धारित की गई बीट पुरानी होने के साथ ही पाोस्टमैनों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। आबादी बढ़ने और कर्मचारियों की संख्या घटने से पोस्टमैनों पर काम का दबाव बढ़ता ही जा रहा है। दशकों पहले जब बीट निर्धारित किए गए थे तब के मुकाबले पोस्टमैनों की संख्या करीब आधी हो गई है जबकि आबादी करीब चार गुना ज्यादा हो गई है। ऐसे में रोजाना आए डाक का बंट पाना कठिन होता जा रहा है।

कठिन हो गया काम

शहर की बढ़ती आबादी और विभागीय उदासीनता के कारण डाक वितरण करने का काम पहले से ज्यादा जटिल होता जा रहा है। विभाग में काम करने वाले पोस्टमैनों में से काफी रिटायर हो चुके हैं। उनकी जगहों पर नई भर्ती नहीं की गई है। जबकि शहर की आबादी करीब चार गुना अधिक बढ़ गई है। नतीजा ये है कि घनी आबादी के मोहल्लों में पोस्टमैन उलझ जा रहे हैं। जिससे डेली के डाक वितरण का काम प्रभावित हो रहा है।

15 साल पहले बंटी थी बीट

शहर के पोस्ट ऑफिसों में बीट मैप करीब 15 साल पहले तैयार किया गया था। तब शहर का सेंटर इलाका भी विकसित नहीं हुआ था। दो घरों या मोहल्लों में काफी दूरी होती थी। लेकिन समय के साथ-साथ हालात बदल गए हैं। अब एक ही मोहल्ले में सैकड़ों परिवार रह रहे हैं। इन इलाकों में डाक का वितरण करने में पोस्टमैनों का काफी समय लग जा रहा है।

नहीं हो रहीं नई नियुक्तियां

डाक वितरण के लिए पोस्टमैनों की संख्या इस समय करीब 150 है। इनमें रिटायरमेंट के बावजूद काम कर रहे कर्मी भी शामिल हैं। गोरखपुर के दो हेड ऑफिस और 73 सब पोस्ट ऑफिसों में तैनात यह पोस्टमैन शहर की बढ़ी आबादी के बीच सही से काम नहीं कर पा रहे हैं। इन सब पोस्ट ऑफिसों में करीब एक दर्जन नॉन डिलीवर सब पोस्ट ऑफिस हैं। लेकिन करीब आधे पद रिक्त होने के कारण एक पोस्टमैन को दो बीटों पर काम करना पड़ रहा है।

साधारण डाक घटे, रजिस्ट्री बढ़ी

लेटर बॉक्स में इंटरनल कम्यूनिकेशन के लिए यूज होने वाले लेटर्स में कमी आई है। लेकिन रजिस्ट्री की संख्या काफी बढ़ गई है। इसके अलावा ड्राइविंग लाइसेंस, एटीएम, चेकबुक, आधार जैसे कागजात डाक के जरिए ही लोगों तक पहुंचती हैं। यानि लेटर्स की संख्या के आधार पर यह अंदाजा लगाना की डाक के कामों में कमी आई है सही नहीं होगा।

वर्जन

बीट तय करते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि पोस्टमैनों पर अधिक दबाव नहीं पड़े। बीट का पुर्ननिर्धारण शुरू कर दिया गया है।

- डीबी त्रिपाठी, एसएसपी, पोस्ट ऑफिस