- बाघम्बरी मठ पर आयोजित हुआ विशेष अनुष्ठान व पूजन

- संगम में स्नान के बाद दान करके लोगों ने अर्जित किया पुण्य

ALLAHABAD: अचला सप्तमी के अवसर पर रविवार को लोगों ने पूरे भक्तिभाव के साथ भजन, पूजन किया गया। इस अवसर पर दान आदि का विशेष महत्व होता है। यही कारण है कि संगम तट पर पहुंचकर लोगों ने दान आदि करके आशीर्वाद प्राप्त किया। अचला सप्तमी के पावन अवसर पर संगम के पवित्र जल में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई, फिर तीर्थपुरोहित के निर्देशानुसार दान करके पुण्य अर्जित किया। कल्पवासियों ने गुरु का पूजन कर उन्हें अचला (वस्त्र) का दान कर विधि-विधान से पूजन कर आशीर्वाद लिया। संतों ने अपने भक्तों को आशीष देते हुए कुशलक्षेम का आशीष दिया। इस अवसर पर रविवार को मठ बाघम्बरी गद्दी में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के संयोजन में अचला सप्तमी महोत्सव का आयोजन किया गया। महंत नरेंद्र गिरि ने सुबह 51 वैदिक ब्राह्माणों के मंत्रोच्चार के बीच ध्वजापूजन व रुद्राभिषेक किया।

साधु संत हुए शामिल

श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में आयेाजित कार्यक्रम के दौरन बड़ी संख्या में साधु संत भी शामिल हुए। इस दौरान समारोह में मौजूद साधु संत व अन्य लोगों ने पूरे विधि विधान के साथ पूजन किया। समारोह में योगगुरु स्वामी आनंद गिरि ने महंत रवींद्र पुरी, महंत प्रेम गिरि, महंत धर्मराज भारती, महंत डोंगर गिरि, महंत दिनेश गिरि, महंत केशवपुरी, महंत हरि गोविंद, महंत आशीष गिरि, महंत प्रेम गिरि, स्वामी ब्रम्हाश्रम जी महाराज, महंत देवेंद्र शास्त्री, महंत अग्रदास, रामयतन मिश्र, हीरालाल पांडेय, अवध नारायण शुक्ल, राधेरमण पांडेय, शम्भू त्रिपाठी का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने अचला सप्तमी के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। समारोह के आखिर में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।