Stop acid attack

-आई नेक्स्ट ऑफिस में पैनल डिस्कशन में पहुंची महिलाएं

-एसिड अटैक के खिलाफ आगे आई लांयस क्लब की मेम्बर्स

piyush.kumar@inext.co.in

ALLAHABAD: क्97ख् की बात है.हरिद्वार कालोनी में हम रहते थे। उस अपार्टमेंट में सबसे हॉट कपल था। उनके दो बच्चे थे। उस कपल की हर कोई तारीफ करता था। एक रात। अचानक किसी के चीखने की आवाज आई। हम सब लोग वहां पहुंचे। दरवाजा अंदर से बंद था। हम लोगों ने दरवाजा तोड़ा। अंदर मिसेज गुप्ता एसिड से झुलसी पड़ी थीं। उन्हें तत्काल हॉस्पिटल ले गए लेकिन तीन दिन के बाद उसकी सांसें थम गई। पुलिस ने आरोपी हसबैंड एएन गुप्ता को जेल भेज दिया। आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित स्टॉप एसिड अटैक टॉपिक पर संडे को पैनल गु्रप डिस्कशन में मिथलेश अग्रवाल ने उक्त बातें शेयर की। बताया कि कैसे महिला के साथ सिर्फ शक के आधार पर उसके पति ने एसिड फेंक कर उसे मार डाला। इस घटना को अंजाम देने से पहले उसने एक बार भी यह नहीं सोचा कि उसके दो मासूम बच्चों पर क्या बीतेगी। इस तरह की घटनाएं हमारे समाज के लिए नासूर बनती जा रही है। लोग इससे देखते हैं, पढ़ते हैं और फिर ऐसे ही क्रूर बन जाते हैं। ग्रुप डिस्कशन में लांयस क्लब एंजेल की ममता सिंह, अल्पना राय, प्रमिला सिंह, मिथलेस अग्रवाल, लायंस क्लब इब्स की निशा यादव, बीना केसरवानी आदि शामिल रहीं।

कानून है जिम्मेदार

सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि इस तरह की घटनाओं के पीछे सबसे बड़ा कारण आज की लाइफ स्टाइल है। इसमें लड़के और लड़कियां राह से भटक जाते हैं। फिर अचानक इतने क्रूर बन जाते हैं कि उन्हें खुद भी पता नहीं होता कि उन्होंने क्या कर दिया। इसके लिए हमारा कानून जिम्मेदार है। हमारा सिस्टम ऐसा है कि एक तो अपराधी पकड़े नहीं जाते और दूसरा पुलिस पकड़ कर जेल तो भेज देती है लेकिन उन्हें सजा नहीं दिला पाती। पैनल डिस्कशन में कई बातें प्रकाश में आई जो चौकाने वाली हैं।

मां की जिम्मेदारी

डिस्कशन में एक बात तो साफ हो गई बच्चों की परवरिश में मां की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अगर मां बच्चों की मानिटरिंग नहीं कर पाती है तभी बच्चे भटक जाते हैं। ऐसे में मां को चाहिए कि वह अपनी जिम्मेदारी समझे। सिर्फ यह कह देने से काम नहीं चलेगा कि खाना देना और उनकी हर मांग पूरी करके वह अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं।

फ्रेंड सर्किल

ऐसा देखा गया है कि क्लास सिक्स से लेकर इंटर तक के बच्चों में तेजी से बदलाव आता है। आजकल बच्चों के अंदर ग्रुप एजुकेशन की बात आ गई। ऐसे में पैरेंट्स को चाहिए कि बच्चों के फ्रेंड सर्किल के बारे में पूरी जानकारी रखें। उनके फ्रेंड्स के मोबाइल नंबर अपने पास रखें। उनके मैसेज चेक करें कि वे किस तरह की बात करते हैं।

पोर्न इंडस्ट्रीज

बच्चों के बिगड़ने का सबसे बड़ा रीजन पोर्न इंडस्ट्रीज है। एक मेंबर ने अपनी बातें शेयर कीं। उन्होंने बताया कि एक दिन रात में एक बजे वह अपने पोते के रूप में पहुंचीं तो दंग रह गई। वह पोर्न फिल्म देख रहा था। रंगे हाथ पकड़े जाने पर उसने कहा कि प्लीज मां से मत बताना। वह उसे डांट कर सोने के लिए चली गई। लेकिन आधे घंटे बाद फिर पहुंचीं तो देखा कि वह फिल्म देख रहा था। डांटने पर उसने बताया कि सभी फ्रेंड देखते हैं। इस तरह की मूवी देखने से उनके अंदर क्रुअलिटी तेजी से बढ़ती है और इच्छा पूरी न होने पर वे क्राइम करने से परहेज नहीं करते।

ज्वाइंट फैमिली

आजकल न्यूक्लीयर फैमिली का चलन है। नतीजा मां-बाप ड्यूटी और रूटीन वर्क में इतने बिजी हो जाते हैं कि उन्हें मौका ही नहीं मिलता कि बच्चों के साथ समय बिताएं। उनको वॉच कर सकें कि अकेले में स्टडी के नाम पर वे क्या कर रहे हैं। ज्वाइंट फैमिली में ऐसा मौका मिलने का चांस कम रहता है।

फ्रेंड की तरह ट्रीट करें

ग‌र्ल्स की फीलिंग को मां से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। मां को चाहिए कि वह अपनी बच्ची के साथ एक दोस्त की तरह बिहैव करें। जिससे बेटी उनसे हर बात बिना झिझक के शेयर कर सके। इससे मां आसानी से उसकी मानिटरिंग कर उसका मार्गदर्शन कर सकती हैं।

खान पान को समझें

बच्चों के अंदर बदलाव की शुरुआत लंच या डिनर के टेबल से ही हो जाती है। बच्चे हर बात पर कहते हैं कि हम ये नहीं खाएंगे। फिर पैरेंट्स उनके लिए दूसरी चीजें ला देते हैं। ऐसे धीरे-धीरे उनका मन बढ़ता जाता है। उन्हें लगता है कि पैरेंट्स उनकी हर ख्वाहिश पूरा कर देंगे। यहीं से उनकी मनमानी शुरू हो जाताी है। फिर बड़े होने पर बच्चे बिगड़ैल बन जाते हैं।

सेल्फ डिफेंस

ग‌र्ल्स के अंदर आत्मविश्वास पैदा करना जरूरी है। इसके लिए लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दिलाई जानी चाहिए। बच्चों के अंदर एक बार आत्मविश्वास आ जाएगा तो घर ही नहीं बाहर भी किसी भी विषम परिस्थितियों से लड़ सकती है। उन्हें पता होता है कि ब्वायफ्रेंड या क्रेजी लवर से उन्हें कैसे हैंडिल करना है।

वर्जन

इसके लिए पैरेंट्स और स्कूल में बच्चों को सीख देनी होगी। बच्चों को एंगर मैनेजमेंट सिखाया जाए। उनके लिए स्पेशल वर्कशॉप का आयोजन किया जाए। ग‌र्ल्स के साथ ब्वायज को भी उनके संस्कार को बताएं।

निशा यादव

डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट लायंस क्लब इब्स

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सुप्रीम कोर्ट का आदेश है। बावजूद इसके हर जगह एसिड बिक रहा है। उत्तर प्रदेश शासन को इस मामले में सख्त एक्शन लेना चाहिए। अगर कोई घटना होती है तो उस दुकानदार के खिलाफ भी कार्रवाई करें जिसने इसे सेल किया है।

बीना केसरवानी

लायंस क्लब इब्स

मेरे आंखों के सामने की घटना थी। मैं जिन्दगी भर उसे नहीं भूल सकती। सिर्फ शक के आधार पर पति ने अपनी वाइफ पर एसिड अटैक किया था। वह तो महज संयोग था कि युवती के पिता जज थे और उन्होंने इंसाफ की लड़ाई में बाजी जीत गए। आरोपी को आजीवन कारावास की सजा हुई। लेकिन हर केस में ऐसा नहीं होता।

मिथलेश अग्रवाल

लायंस क्लब एंजिल

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यह क्रुएलिटी हर ग्रुप में है। पहले हम कहते हैं कि जहां एजुकेशन की कमी हैं वहीं पर इस तरह की घटनाएं होती है। लेकिन ऐसा नहीं है। एक्ट्रेस कंगना रावत की बहन पर भी एसिड अटैक हुआ था। वह तो हाई प्रोफाइल फैमिली है। हमें समझना होगा। बच्चों के अंदर सुधारने के लिए सिर्फ और सिर्फ पैरेंट्स की है।

प्रमिला ंिसह

लायंस क्लब एंजिल

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ग‌र्ल्स हमेशा ही सॉफ्ट टारगेट रही हैं। मुझे याद है कालेज टाइम में एक सनकी प्रेमी ने यूनिवर्सिटी की एक छात्रा पर चाकू से हमला किया था। और आजकल एसिड अटैक हो रहा है। इसमें सिर्फ एक की गलती नहीं होती है। बच्चों की भावनाओं को समझ कर उनकी काउंसलिंग की जानी चाहिए।

अल्पना राय

लायंस एंजिल

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हम सिर्फ लड़कियों को ब्लेम करते हैं। वे जिंस क्यों पहनती है। स्कर्ट क्यों पहनी थी। ये सिर्फ एक बकवास है। जब तक लोग अपनी मानसिकता नहीं बदलेंगे तब तक समाज में बदलाव नहीं होगा।

ममता सिंह

लायंस क्लब एंजिल