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ढूंढे नही मिल रहे आयुष्मान योजना के लाभार्थी
अब स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी बनाएंगे गोल्डन कार्ड
ALLAHABAD: दिन प्रतिदिन मामला गंभीर होता जा रहा है। आयुष्मान योजना को लांच हुए एक माह से अधिक हो गया है लेकिन रिस्पांस नही मिल रहा है। हॉस्पिटल्स तक लाभार्थी पहुंच नही पा रहे हैं। जो पहुंच रहे हैं उनकी पहचान मुश्किल है। इसका नतीजा है कि प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। आला अफसरों ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को लाभार्थियों की पहचान कर गोल्डन कार्ड बनाने के आदेश दिए हैं।
सर्वे पर उठने लगे हैं सवाल
योजना का शुरुआती हश्र खराब होने से स्वास्थ्य विभाग के सर्वे पर उठने लगे हैं।
लाभार्थियों का चयन 2011 जनगणना के आधार पर किया गया है।
आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े परिवारों को सूची में शामिल किया गया है।
इसके बाद कर्मचारियों को वार्ड वाइज सूची देकर लोगों का सर्वे करने के आदेश दिए गए थे।
उन्हें लाभार्थियों परिवारों के बीच जाकर उनकी डिटेल और मोबाइल नंबर हासिल करना था।
साथ ही लाभार्थियों को योजना में शामिल होने की सूचना देनी थी।
पहले माह में केवल 37 का इलाज
23 सितंबर को योजना लांच होने के बाद जिले में कुल 37 मरीजों का आयुष्मान योजना के तहत एक माह में इलाज किया गया
जिले में कुल लाभार्थी परिवारों की संख्या ढाई लाख से अधिक है
इनसे जुड़े कुल 15 लाख के आसपास लोग योजना से लाभान्वित होंगे
सौ हॉस्पिटल्स को पैनल में शामिल किया जा चुका है
डीएम हुए सख्त, दिया आदेश
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की किरकिरी होते देख डीएम सुहास एलवाई ने सभी अधीक्षक, आयुष्मान मित्र, बीपीएम अपने-अपने ब्लाकों में प्रत्येक आशा व संगिनी से एक-एक गोल्डन कार्ड बनाने के आदेश दिए हैं। उन्होंने यह अभियान 31 अक्टूबर व एक नवंबर को चलाने को कहा है। खुद अधिकारी भी स्वीकार करते हैं कि लाभार्थियों को जानकारी नही होने से उन्हें योजना लाभ नही मिल पा रहा है।
अभी तक जिले में केवल आठ जगह गोल्डन कार्ड बन रहे हैं। इनकी संख्या बढ़ाकर 30 कर दी गई है। अधिक से अधिक लाभार्थियों तक जानकारी भेजी जा रही है। उनको योजना का लाभ दिया जाना जरूरी है। प्रशासन के आदेश का पालन किया जा रहा है।
डॉ। एके तिवारी,
एसीएमओ व नोडल अधिकारी आयुष्मान योजना