- सात बिंदुओं पर कर्मचारी और अधिकारियों से जवाब-तलब

- परीक्षा कार्यक्रम, नोडल केंद्र, ओएमआर शीट पर मांगा जवाब

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी में बाबूगिरी से सब परेशान हैं। कोई काम समय पर हो जाए गनीमत है। वीसी ने यूनिवर्सिटी में कई कामों को लेकर जल्द ही कार्यवाही के लिए आश्वासन दिया था। जिसमें काम समय पर नहीं होने पर जवाब भी देने के लिए निर्देशित किया था। बुधवार को यूनिवर्सिटी में बीडीएस के कई स्टूडेंट्स अपनी मार्कशीट के लिए भटक रहे थे। जिनको अपने एग्जाम फॉर्म भरने थे। जिसके कारण वे अपने एग्जाम फॉर्म नहीं भर पा रहे। इस संबंध में उन्होंने शिकायत भी की। गुरुवार को प्रो वीसी ने मार्कशीट और अन्य कई मामलों में संबंधित प्रभारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।

जमकर हड़काया

बुधवार को बीडीएस के स्टूडेंट्स अपनी मार्कशीट के लिए यूनिवर्सिटी में भटक रहे थे। जिन्होंने एग्जाम फॉर्म भरने के लिए अपनी मार्कशीट देने के लिए कहा। जबकि इनके एग्जाम खत्म हुए काफी समय हो गया। यूनिवर्सिटी के नियमानुसार एग्जाम का रिजल्ट घोषित होते ही इनकी मार्कशीट्स कॉलेज पहुंच जानी चाहिएं। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इस संबंध में गुरुवार को प्रभारी वीसी एचएस सिंह ने इस कार्य को देखने वाले कर्मचारी को बुलाया और उससे इस संबंध में जानकारी मांगी। उसने कुछ बीडीएस कॉलेजों की मार्कशीट डिस्पैच करने की तारीख दिखाई। लेकिन बाकी का जवाब नहीं दे पाया। इस पर उसको जमकर हड़काया और उसे नोटिस जारी कर जल्द जवाब मांगा।

ये मांगे गए जवाब

कार्यवाहक वीसी एचएस सिंह ने तुरंत सात बिंदुओं पर प्रभारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। जिनमें परीक्षा कार्यक्रम जारी हुआ है या नहीं। परीक्षा केंद्र की सूची जारी की जानी है, उसमें क्या हुआ। परीक्षा नोडल केंद्रों की सूची जारी की गई या नहीं। उत्तर पुस्तिकाओं एवं ओएमआर शीट्स की आपूर्ति के संबंध में जानकारी मांगी गई। बीडीएस परीक्षाओं की अंकतालिकाओं के कॉलेजों को प्रेषित करने की स्थिति क्या है। अन्य परीक्षाओं की अंकतालिकाओं के कॉलेजों में पहुंचने की स्थिति और कॉलेजों में प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए परीक्षकों की सूची भेजी गई है या नहीं। इन सभी सूचनाओं को संबंधित प्रभारियों से मांगा गया है।

आखिर क्यों नहीं करते काम

प्रभारी वीसी एचएस सिंह ने जारी नोटिस में कहा कि यह बड़े खेद का विषय है कि निम्न बिंदुओं के संबंध में कोई सूचना अभी तक नहीं दी गई है। इसके लिए तत्काल ही शाम साढ़े चार बजे तक प्रत्येक दशा में जानकारी उपलब्ध कराई जाए। ताकि आगे की कार्रवाई हो सके। इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ कहा कि यहां बाबूगिरी चल रही है। जब तक पैसे नहीं आते तो ये लोग आगे काम ही नहीं करते। अगर समय पर काम हो जाए तो स्टूडेंट्स परेशान ही नहीं होंगे। जबकि रिजल्ट घोषित होने के साथ ही मार्कशीट प्रिंट हो जाती हैं। फिर भी समय पर कॉलेजों में नहीं पहुंचतीं।