-25 हजार पुराने डीजल वाहनों पर कार्रवाई तय

-एनजीटी के आदेश पर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट सख्त, चलेगा अभियान

-शहर में 25 हजार है 10 साल पुराने प्राइवेट व कमर्शियल डीजल वाहनों की संख्या

Meerut। डीजल के 10 साल व पेट्रोल के 15 साल पुराने वाहनों को लेकर आए एनजीटी के आदेश के बाद शहर में 25 हजार से अधिक ऐसे वाहनों के पहिए थम जाएंगे। एनजीटी की ओर से ये आदेश मेरठ समेत प्रदेश के 38 जिलों के लिए दिए गए हैं। वहीं ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने आदेशों के अनुपालन में पुराने वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की कार्ययोजना बनानी शुरू कर दी है।

क्या है मामला

परिवहन विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एनसीआर के पुराने वाहनों (डीजल 10 साल व पेट्रोल के 15 साल) पर रोक लगा दी है। एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के आदेश पर की गई इस कार्रवाई के अनुसार मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, बागपत व शामली समेत 38 जिलों में सरकारी व गैर-सरकारी वाहनों पुराने वाहनों का दोबारा पंजीकरण नहीं हो पाएगा।

25 हजार से अधिक पुराने वाहन

एआरटीओ प्रशासन रंजीत सिंह ने बताया कि शहर में ऐसे वाहनों की संख्या 25 हजार से अधिक है। इन वाहनों में प्राइवेट व कमर्शियल दोनों तरह के वाहन शामिल हैं। एआरटीओ ने बताया कि नए आदेशों के अनुपालन में ऐसे वाहनों की सूची मुख्यालय को भेज दी है। जबकि स्थानीय स्तर पर ऐसे वाहनों पर पाबंदी लगाने के लिए एक विशेष कार्ययोजना बनाई जा रही है। जिसके अंतर्गत अभियान चलाकर ऐसे वाहनों की धरपकड़ की जाएगी।

विभागीय आदेशों के संदर्भ में पुराने वाहनों का पंजीकरण नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही एक विशेष कार्ययोजना तैयार कर पुराने वाहनों पर रोक लगाई जाएगी।

-रंजीत सिंह, एआरटीओ प्रशासन मेरठ