जांच के लिए भी हरी झण्डी

एनुअल एग्जामिशन के अलावा 1985 से लेकर 2010 तक के एग्जामिनेशन रिलेटेड डाक्यूमेंट्स में गड़बड़ी और हेराफेरी के मामले में अब यूनिवर्सिटी खुद शासन से रिक्वेस्ट करके मामले की सीबीआई जांच भी कराएगा। ये दोनों बड़े और चौंकाने वाले डिसीजन बुधवार को वाइस चांसलर प्रो। बिन्दा प्रसाद मिश्र की अध्यक्षता में हुई एग्जामिनेशन कमेटी की मीटिंग में लिये गये। एग्जामिनेशन कमेटी की ओर से गठित सब कमेटी ने ही डाक्यूमेंट्स में हेराफेरी के मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है, जिसे कमेटी ने मंजूर कर लिया है। अब इस डिसीजन को एग्जीक्यूटिव काउंसिल से मंजूरी दिलाते हुए शासन को भेजा जाएगा। इस मामले में यूनिवर्सिटी के कई बड़े नामी लोग फंस सकते हैं।

अक्टूबर में होगा बैक पेपर

एग्जामिनेशन कमेटी ने ये भी तय किया कि 2011-12 के मार्कशीट अब परीक्षा विभाग में सुरक्षित रखे जाएंगे। अब मेन मार्कशीट व मार्कशीट की सेकेण्ड कापी भी कम्प्यूटर के जरिये ही दी जाएगी। कमेटी ने ये भी तय किया कि 2012 के बैक पेपर व इम्प्रूवमेंट का पेपर अक्टूबर में कराया जाएगा। पीआरओ शशीन्द्र मिश्र ने बताया कि नकल के मामले में जांच कमेटी ने 30 एफिलिएटेड कॉलेजेज में नये स्टूडेंट्स का एडमिशन रोकने, 4 कॉलेजों में तीन साल के लिए एडमिशन बैन करने, 27 कॉलेजेज में सेंटर इंचार्ज के खिलाफ डिसीप्लेनरी एक्शन लेने, 21 कॉलेजों में सेंटर इंचार्ज व प्रिंसिपल्स को वॉर्निंग देने, तथा तीन कॉलेजों को एग्जामिनेशन सेंटर के रूप में डिबार करने की संस्तुति की थी, जिसे मंजूर कर लिया गया है।

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