- दून में अब तक 1916 अतिक्रमण ध्वस्त किए गए, 4489 चिन्हित

- दोबारा अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ मुकदमा किया जाएगा दर्ज

DEHRADUN: हाईकोर्ट के आदेश पर शहर में चलाया जा रहा अतिक्रमण हटाने का अभियान मंडे को भी जारी रहा। मंडे को 257 अतिक्रमण ध्वस्त किए गए और 149 चिन्हित किए गए। अब तक कुल 1916 अतिक्रमण हटाये जा चुके हैं और 4489 अतिक्रमण का चिन्हीकरण किया गया है। 888 भवनों को सील किया गया है। एमडीडीए, नगर निगम और जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

अतिक्रमण हटाने के लिए बढ़ाई फोर्स

अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए गठित टास्क फोर्स को बढ़ाया गया है। इस टीम में सचिव दून घाटी विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण सुंदर लाल सेमवाल, महाप्रबंधक जीएमवीएन देहरादून बंशी लाल राणा, अधिशासी निदेशक चीनी मिल डोईवाला मनमोहन सिंह रावत, उपायुक्त राजस्व परिषद विप्रा त्रिवेदी, महाप्रबंधक सिडकुल झरना कमठान को सम्मिलित किया गया है।

लोग खुद भी हटा रहे अतिक्रमण

शहर में कई लोग चिन्हित किये गये अपने अतिक्रमण को खुद भी हटा रहे हैं। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जो लोग भविष्य में दोबारा अतिक्रमण करेंगे उनके विरुद्ध आईपीसी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

प्रेमनगर में चलेगा बड़ा अभियान

टास्क फोर्स द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत प्रेमनगर में बड़ा अभियान चलाये जाने की संभावना है। यहां बड़ी संख्या में अतिक्रमण चिन्हित किये गए हैं। समझा जा रहा है यहां दिन में तोड़फोड़ संभव न होने के कारण रात के समय अभियान चलाया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं

अतिक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई। अतिक्रमण हटाने के लिए अतिरिक्त समय देने की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए हाईकोर्ट में अपील करने को कहा है। हालांकि, कंपाउंडिंग की व्यवस्था समाप्त करने व भवनों के नक्शे पास करते समय स्ट्रक्चरल इंजीनियर के प्रमाण पत्र को अनिवार्य किए जाने के हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दे दिया है।