संदेह के घेरे में पुलिस की कार्रवाई

- 48 घंटे में किसी मूवमेंट पर नहीं किया गया काम

- पुलिस अफसरों ने कहा, रेलवे के कैबवे का मामला

GORAKHPUR: गोरखपुर में वेंस्डे को जिन दो फिदायीन तालिबानी आतंकियों को पकड़ा गया है। उनसे पूछताछ के आधार पर एटीएस भले नये खुलासे कर रही है। लेकिन सिटी के पुलिस अफसर कतई गंभीर नहीं है। हद तो तब हो गई जब शहर में कोई चेकिंग नहीं कराई गई। उधर दोनों की गिरफ्तारी के बाद पूर्वाचल में आंतकियों की मददगारों की तलाश एटीएस ने शुरू कर दी है। यहां पर सिमी से जुड़े कई लोगों ने इंडियन मुजाहिदीन का साथ पकड़ लिया है। इसके कई सुराग जांच पड़ताल में मिले हैं।

नेपाल से आजमगढ़ तक है आईएम का सेफ जोन

एटीएस ने खुलासा किया है कि गोरखपुर में पकड़े गए पाकिस्तानी के कराची निवासी अब्दुल वलीद उर्फ मुर्तजा उर्फ अफरोज, फहीम उर्फ मोहम्मद ओवैस उर्फ सलाम उर्फ उमर उर्फ शादाब खान को गोरखपुर में ही हथियार उपलब्ध कराए गए। उनको किसने हथियार दिए थे। इसकी पड़ताल शुरू हो गई है। एटीएस से जुड़े लोगों ने बताया कि गिरफ्तार आंतकियों के दो साथी फरार हो गए हैं जिनकी तलाश की जा रही है। नेपाल से आजमगढ़ तक आईएम का सेफ जोन होने के बावजूद गोरखपुर में किसी तरह का अलर्ट न होने को भारी लापरवाही बताया जा रहा है।

गोरखपुर तक पहुंचे आंतकी

सिटी में कैबवे तक दो आंतकियों के पहुंचने, उनको हथियार दिए जाने का खुलासा होने पर भी सिटी पुलिस नहीं जागी। ब्8 घंटे के भीतर पुलिस ने कहीं पर कोई जांच पड़ताल नहीं कराई। बताया जाता है कि सिमी पर प्रतिबंध के बाद यहां पर एक्टिव सिमी के मेंबर्स इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ गए हैं। पहली बार ख्008 में इनकी गतिविधियां सामने आईं। गोरखनाथ मंदिर पर हमले की आशंका के बावजूद पुलिस सतर्क नहीं रहती है। आईबी की रिपोर्ट में यह सामने आ चुका है कि पूर्वाचल में दहशतगर्दी के लिए आंतकी नेटवर्क फैला रहे हैं। ख्007 में सीरियल ब्लॉस्ट सिटी में हो चुका है।

एटीएस ने आंतकियों को कैबवे से अरेस्ट किया था। इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस मामले की जांच पड़ताल एटीएस कर रही है।

आकाश कुलहरि, एसएसपी

इस मामले में मुझे कोई जानकारी नहीं है। एटीएस ने आतंकवादियों के गिरफ्तारी की कार्रवाई की है। यह टीवी पर समाचार देखने के बाद पता चला है।

आरसी मिश्रा, इंस्पेक्टर जीआरपी