-वृद्ध किसान की शिकायत पर एंटी करप्शन टीम ने की कार्रवाई

-चकबंदी विभाग में नाम बदलवाने के मांगे 25 हजार रुपए

मेरठ : एंटी करप्शन टीम ने चकबंदी क्लर्क को दस हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। सिविल लाइन थाने में क्लर्क के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

क्या था मामला

परतापुर थाना क्षेत्र के इटायरा गांव निवासी वृद्ध इदरीश चकबंदी कार्यालय पहुंचे। आरोप है कि चकबंदी क्लर्क अरविंद कुमार ने उसकी जमीन के कागजों पर नाम बदलवाने के लिए 25 हजार की मांग की। सौदा दस हजार में पट गया। इसी बीच इदरीश ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत कर दी। मोबाइल पर हुई बातें भी टीम को सुना दी। इसके बाद टीम ने मामले की जांच की। रिश्वत मांगने का मामला सही पाया गया।

फोन करके बुलाया

एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर जितेंद्र तोमर, रणवीर सिंह खोखर, राजवीर सिंह समेत आठ लोग इदरीश के साथ चकबंदी कार्यालय के पास पहुंचे। इदरीश ने अरविंद को फोन किया कि वह रिश्वत के दस हजार रुपये लेकर चकबंदी कार्यालय आया है। अरविंद ने इदरीश को कचहरी के बाहर हनुमान मंदिर के बाहर एक टाइप वाले की दुकान पर बुलाया। इदरीश रुपये लेकर टाइप की दुकान पर पहुंचा। जैसे ही इदरीश ने अरविंद को रिश्वत के दस हजार रुपये दिए वैसे ही एंटी करप्शन टीम ने उसे रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। सिविल लाइन थाने में उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया गया।

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इदरीश ने शिकायत की थी कि कलेक्ट्रेट स्थित चकबंदी विभाग का क्लर्क अरविंद कुमार उनसे दस हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा है। इसी शिकायत पर कार्रवाई की गई है।

-जितेंद्र तोमर, एंटी करप्शन इंस्पेक्टर