RANCHI:स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के अस्पतालों में फोर्थ ग्रेड कर्मचारियों की बार-बार हड़ताल से तंग आकर आउटसोर्स एजेंसियों पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को आउटसोर्सिग के माध्यम से बहाल करने का अधिकार तो कंपनी को होगा लेकिन वे वेतन भुगतान सहित अन्य गड़बड़ी नहीं कर पाएंगी। स्वास्थ्य विभाग की सख्ती के बाद अब सेवारत कर्मियों को श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी, ईपीएफ, बीमा सहित अन्य सुविधाएं भी सुनिश्चित करानी होंगी। इसके लिए विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं।

कई विभागों में होगा लागू

इस संबंध में विभाग ने खासतौर से पीएमसीएच, एमजीएम और राजकीय होमियोपैथी अस्पताल गोड्डा में संविदा, दैनिक वेतनभोगी और आउटसोर्स के जरिए नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए इस तरह की व्यवस्था के आदेश दिए हैं।

नहीं कर सकेंगे शोषण

हड़ताल के दौरान कर्मचारियों ने आउटसोर्स एजेंसियों पर आरोप लगाया था कि समय पर ठेकेदार द्वारा न तो वेतन दिया जाता है और न ही अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। साथ ही जो वेतन दिया जाता है वह भी मानकों के अनुरूप नहीं है। लेकिन ताजा फैसले के बाद कर्मचारी भविष्यनिधि योजना, 1952 के तहत कर्मचारियों के खाते में जमा भविष्य निधि धनराशि ब्याज सहित कर्मचारियों को रिटायरमेंट होने या सेवा से हटने पर भुगतान की व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त कर्मचारी स्वयं या परिवार जन की बीमारी, विवाह, शिक्षा और भवन निर्माण के लिए अग्रिम धनराशि निकाली जा सकेंगे।

फोर्थ ग्रेड कर्मियों को मिलेगा लाभ

इस निर्देश के बाद आउटसोर्स कंपनी के अधीनस्थ काम करने वाले फोर्थ ग्रेड कर्मचारियों की सेवा के अनुरूप उन्हें ईपीएफ और बीमा सहित अन्य सुविधाएं देने का निर्देश है। विभाग ने लगातार अस्पतालों में हो रही हड़ताल के बिन्दुओं की पड़ताल करते हुए यह ठोस नीति तैयार की है। इनमें सफाईकर्मी, सुरक्षा में तैनात गार्ड, अस्पताल व वार्ड में लगी मशीनें व उपकरण ऑपरेटर, ड्राईवर, लिफ्ट मैन, लांड्री सेवाएं, अस्पताल के अंदर संचालित बायो वेस्ट डिस्पोजल आदि सेवा कर्मी शामिल हैं।