-आने वाले आम चुनाव में सरकार बनाने में निर्णायक वोटर्स की भूमिका निभाने वाले यूथ के मन की बात जानने 'मिलेनियल्स स्पीक' पहुंचा नवाबगंज यूआईडी

-डीजे आईनेक्स्ट व रेडियो सिटी के साथ यूथ ने शेयर किए कड़क मुद्दे, आतंकवाद पर इंडियन आर्मी के करारे प्रहार से यूथ पूरे जोश में, सरकार पर बढ़ा भरोसा

KANPUR : लोकसभा चुनाव से पहले इंडियन आर्मी का आतंकवाद पर अब तक सबसे करारा प्रहार यूथ को उत्साह और जोश से भरने वाला है। गवर्नमेंट के इस फैसले का खासकर यूथ ने जोरदार स्वागत किया। सरकार के इस कदम से यूवाओं का भरोसा भी बढ़ा है। यही युवा आने वाले लोकसभा चुनाव में सरकार गठन में निर्णायक वोटर्स की भूमिका निभाएंगे। यूथ आज देश की सबसे बड़ी ताकत हैं। देश का भविष्य इन्हीं के मजबूत कंधों पर टिका हुआ है। देश के तरक्की में सबसे बड़ भूमिका इन युवाओं की होगी। इसलिए इनकी सोच, मांग को नजरअंदाज नजरअंदाज करना मुश्किल है। युवा आने वाली सरकार से क्या चाहते हैं, वो कैसी सरकार चाहते हैं, उनके मन में क्या है, उनके अहम मुद्दे क्या हैं? ये जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट उन्हें 'मिलेनियल्स स्पीक' का प्लेटफार्म प्रोवाइड कर रहा है। जहां वे दिल खोलकर अपनी बात रख रहे हैं, वो सिर्फ प्रॉब्लम या अपनी बात नहीं रख रहे हैं बल्कि सॉल्यूशन भी दे रहे हैं। बुधवार को मिलेनियल्स स्पीक का कारवां पहुंचा नवाबगंज स्थित यूनाइटेड इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइनिंग। यहां डिजाइनिंग के स्टूडेंट्स ने देश और डेवलपमेंट की रीडिजाइनिंग को लेकर अपनी बात रखी।

क्विक एक्शन वाली गवर्नमेंट चाहिए

दोपहर करीब 12 बजे मिलेनियल्स स्पीक की शुरुआत हुई तो मौजूद समय में देश का सबसे कड़क मुद्दा यानि इंडिया और पाक के बीच बने मौजूदा हालात सभी युवाओं की जुबान पर थे। पाक की जमीन पर छिपे आतंकियों को इंडिया की ओर से दिए गए करारे जवाब को लेकर यूथ काफी उत्साहित दिखे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए हमें यह तरीका ही अपनाने की जरूरत थी। आतंकवाद पर किए गए इस हमले पर सभी युवा एक सुर में सरकार के फैसले के साथ दिखाई दिए। बात धीरे-धीरे चुनावी मुद्दे की ओर मुड़ी तो गौरव निगम, ज्योति शुक्ला, मंजू ने कहा कि हमारी कंट्री में अब 50 परसेंट से ज्यादा वोटर्स यूथ हैं। पहले जहां नेता सिर्फ लुभावने वादे करके ही अपनी सीट पक्की कर लेते थे, अब उन्हें सोचना पड़ेगा। क्योंकि आज के यूथ को बरगलाना और झूठे वादों का लॉलीपॉप देना आसान नहीं हैं। सिर्फ काम करने वाले नेता की ही पूछ होगी। हमें क्विक एक्शन चाहिए, चाहें वो कंट्री की सेफ्टी का मुद्दा हो या फिर डेवलपमेंट का।

सड़कों में परमानेंट सुधार की जरूरत

यूथ में जोश के साथ अपना चुनावी मुद्दा रखने को लेकर कॉम्पटीशन देखने को मिला। एक की बात खत्म होने से पहले ही दूसरा यूथ अपना चुनावी मुद्दा सार्वजनिक करने को आतुर नजर आया। इस बीच काजल, शुभी, ऊषा व हर्षिता ने कहा कि गवर्नमेंट बनने के बाद नेता पब्लिक की समस्याओं को देखना बंद कर देते हैं। शहर में हर जगह बड़े बड़े गड्ढे दिखते हैं। डेवलपमेंट सिर्फ कागजों पर होता है, उसे छिपाए रखने में कर्मचारियों से लेकर अधिकारी तक का हिस्सा लगता है। उनकी बात खत्म होने से पहले ही उनकी बात से सहमत असीफा व सुमन ने डेवलपमेंट का मुद्दा उठाया। कहा डेवलपमेंट करने वाली गवर्नमेंट चाहिए। डेवलपमेंट मतलब ऐसा आधारभूत विकास जो सभी के काम आए, स्थायी हो।

हर यूथ को इम्प्लॉयमेंट मिले

इम्प्लॉयमेंट और स्र्टाटअप को लेकर यूथ के बीच बहस छिड़ गई। कुछ लोग इम्प्लॉयमेंट के पक्ष में नजर आए तो कुछ स्टार्टअप का पक्ष लिए अपनी बात पर अड़े रहे। इशिता, अंजुम व नंदिनी ने कहा कि कंट्री में यूथ को इम्प्लॉयमेंट नहीं मिल पा रहा है। गवर्नमेंट सेक्टर में आज भी सैकड़ों पोस्ट खाली पड़ी हैं। एग्जाम होता है, लेकिन किसी न किसी कारण से रद्द कर दिया जाता है। इससे जनता के पैसों की बर्बादी होती है। तभी, हर्षिता, महिमा व स्वेता ने कहा कि गवर्नमेंट ने मुद्रा योजना के तहत स्टार्टअप शुरू किया है, जिससे सैकड़ों यूथ को अपना काम स्टार्ट करने का मौका मिला और वो खुद कइयों को जॉब प्रोवाइड करा चुके हैं। इस बात पर सभी सहमत नजर आए कि यूथ को अगर सही समय पर जॉब मिल जाए तो उनके दिमाग का कोई मिसयूज नहीं कर पाएगा।

करप्शन पर सख्त हाे गवर्नमेंट

सुपर्णा, शिवांशी व खुशबू ने कहा हम सब यहां दूर दूर से पढ़ाई करने आते हैं। चाहते हैं कि जब हम अपनी स्टडी पूरी करें तो हमें अच्छी जॉब्स मिलें। आज हर फील्ड में वैकेंसी होने के बाद भी भर्ती न होने की नीति पर सवाल खड़ा किया। हर तरफ करप्शन फैला हुआ है। गवर्नमेंट सेक्टर में अच्छी सैलरी होने के बाद भी वर्कर और अधिकारियों को पेट नहीं भरता है। ऐसे में गवर्नमेंट का सख्त कदम उठा कर करप्शन को जड़ से खत्म करने की जरूरत है।

कानून का डर होना ही चाहिए

उर्वशी, प्रतिमा व नेहा ने कहा कि कंट्री में कानून व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। कोर्ट में लंबित मामले लोगों की मौत के बाद भी चलते रहते हैं। फास्ट ट्रैक पर फैसले होने चाहिए। तभी लोगों का कानून पर भरोसा बढ़ेगा। कहा विमेन की सेफ्टी का मुद्दा भी बहुत इम्पॉर्टेट है। प्रयास किए जाते हैं, लेकिन कोई ऐसी योजना नहीं आती, जिससे विमेन अपने आप को सेफ समझें। विमेन सेफ्टी पर सख्ती करने वाली गवर्नमेंट चाहिए।

मिलेनियल्स वर्जन-

- सरकार कोई भी हो, लेकिन लोगों में सिविक सेंस की कमी देखने को मिलती है। साफ सफाई से लेकर सिटी की ट्रैफिक व्यवस्था को देख कर आप समझ सकते हैं कि हम खुद कितने जिम्मेदार हैं। सभी युवा अपनी जिम्मेदारी समझें तो हालात काफी बेहतर हो सकते हैं।

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- लुभावने वादे कर सीट जीतने वाला नेता नहीं, बल्कि इम्प्लॉयमेंट देने वाली गवर्नमेंट चाहिए। पढ़ाई लिखाई करने के बाद भी यूथ को उसके लेवल की जॉब न मिल पाना किसकी कमी कही जाए। गवर्नमेंट को ऐसे लोगों के लिए भी प्रयास करने चाहिए।

- आकाश

- एजूकेशन और हेल्थ के क्षेत्र में गवर्नमेंट को काम करने की जरूरत है। इसके अलावा मुझे इस गवर्नमेंट में बहुत से चेंजमेंट नजर आते हैं। बदलाव के कारण ही देश की स्थिति विश्व में सुधरी है। हम यूथ की कंट्री हैं, जो सेल्फ डिपेंड है। हमें हमारा अधिकार चाहिए।

- मोहित

- भ्रष्टाचार का मुद्दा हमेशा से उठता रहा है.लेकिन, इसे रोकने के लिए कठोर कदम नहीं उठाए जाते हैं। सबको यह डर लगता है कि कहीं वो खुद न फंस जाएं। हमें ऐसा नेता चाहिए, जो इस मुद्दे पर काम कर के दिखाए।

- रोशनी

-लोगों में आज सिविक सेंस की कमी दिखाई देती है। इस कारण हम खुद ही कई समस्याओं से घिर चुके हैं। पॉल्यूशन के कारण ही लोग गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। अगर सिर्फ गवर्नमेंट के एक्शन भरोसे बैठे रहे तो बहुत देर हो जाएगी।

- स्मिता

- चुनाव नजदीक आते ही नेता लुभावने वादे करते दिखते हैं। लेकिन, यह हमें ही समझने की जरूरत है कि वोट किसको देना है। हमें वोट करना चाहिए और ऐसे व्यक्ति को यूथ के फ्यूचर को बनाने की योजनाओं पर काम कर सके।

- साहिल

- गरीबों के लिए आने वाले योजनाओं का लाभ मिडिल क्लास उठा लेते हैं। कम से कम कोई ऐसी बॉडी होनी चाहिए, जो इस तरह के करप्शन पर गंभीरता से काम कर सके। अगर हमारी कंट्री से करप्शन मिट जाए तो हम पॉवरफुल खुद ही हो जाएंगे।

- आकांक्षा