आगरा। आगरा से नेपाल भेजी गई राहत सामग्री को गोरखपुर मंडी में बेचने के खुलासा से मंडी समिति अधिकारियों और प्रशासन में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। शनिवार को गोरखपुर मंडी से बेचे गए आलू को वापस करा लिया गया। आगरा से भेजे गए ट्रक को रविवार को नेपाल के लिए रवाना कर दिया गया।

अब गिर सकती है गाज

राहत सामग्री को बेचे जाने के खुलासा से मंडी समिति और प्रशासनिक अधिकारियों की छवि को खासा धक्का लगा है। इस खुलासा की खबर जैसे ही फीरोजाबाद और आगरा प्रशासन को हुई तो वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सन्न रह गए। इस बारे में उप निदेशक प्रशासन विपणन डॉ। वीरेन्द्र यादव ने बताया कि राहत सामग्री को बेचे जाने का काम बहुत ही गलत है। इस बारे में मंडी समिति के डायरेक्टर डॉ। अनूप कुमार को अवगत कराया जा चुका है। पूरा मामला उनके संज्ञान में है। कार्रवाई भी उनके स्तर से ही की जाएगी। उन्होंने बताया कि राहत सामग्री को नेपाल रवाना कर दिया गया है।

छोड़े नहीं जाएं आरोपी

राहत सामग्री को मंडी में बेचे जाने की खबर से आगरा के वाशिंदे दंग रह गए। सामाजिक कार्यकर्ता ओमप्रकाश का कहना है कि नेपाल भूकम्प त्रासदी के पीडि़तों के लिए भेजी गई राहत सामग्री को बेचा जाना बहुत ही अमानवीय कृत्य है। एडवोकेट धमेंद्र वर्मा ने कहा कि इस मामले में जिन लोगों का भी हाथ है, ऐसे लोग किसी भी सूरत में छोड़ें नहीं जाएं। चिह्नित कर छोटे कर्मचारी से लेकर बड़े अधिकारी तक जितने भी संलिप्त हैं, सभी के विरुद्ध कड़ा एक्शन लिया जाना चाहिए। जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

संस्थाएं सीेधे भेजी रहीं राहत सामग्री

पीडि़तों के लिए भेजी गई राहत सामग्री को लेकर किए जा रहे गोलमाल से प्रशासनिक व्यवस्था पर सवालिया निशान लगना लाजमी है। भविष्य में राहत सामग्री प्रशासन को सौंपने से पहले लोग कई बार सोचेंगे। हाल ही में लायंस क्लब की ओर से नेपाल तक सीधे राहत सामग्री भेजी भी गई है। इसके लिए लायंस क्लब ने नेपाल के लायंस क्लब के पदाधिकारियों से कॉर्डीनेट किया था। जिसके चलते नेपाल की सीमा के अंदर ले जाने से लेकर पीडि़तों तक सामग्री पूरी ईमानदारी से पहुंच सके।