मुंबई (ब्यूरो)। एक तरफ गुलजार जैसा रचनाकार और दूसरी तरफ दिव्या दत्ता जैसी अभिनेत्री, जो अपने विभिन्न किरदारों से दर्शकों का दिल जीत चुकी हैं। हाल ही में एक समारोह में जब एक-दूसरे से इन दोनों की मुलाकात हुई, तो दिव्या ने बगैर किसी लाग-लपेट के खुद को गुलजार साहब का फैन बताते हुए एक शिकायत भी दर्ज कर दी कि उनको इस बात का अफसोस रहता है कि गुलजार की फिल्मों में उनको काम करने का मौका नहीं मिला।

दिव्या दत्ता अपने करियर में इस काम के लिए अब तक रहीं तसरती,मौका मिलते ही यूं छलक पडा़ दर्द

करियर को मानती हैं अधूरा

दिव्या इसी बात को लेकर अपना करियर अधूरा मानती हैं और अब भी उम्मीद करती हैं कि गुलजार एक दिन निर्देशन के मैदान में लौट आएं और उनकी यह हसरत भी पूरी हो जाए। गुलजार साहब ने उस मौके पर तो दिव्या की बात हंसी में उड़ा दी, लेकिन दिव्या की उम्मीदें बरकरार हैं।

दिव्या दत्ता अपने करियर में इस काम के लिए अब तक रहीं तसरती,मौका मिलते ही यूं छलक पडा़ दर्द

क्या सालों बाद लौटेंगे निर्देशन में

उनकी उम्मीदें भी बेवजह नहीं हैं। जब सालों बाद महेश भट्ट निर्देशन के मैदान में वापसी कर सकते हैं, तो गुलजार ऐसा क्यों नहीं कर सकते। इस सवाल का जवाब वैसे तो सिर्फ गुलजार के पास ही है कि क्या ऐसा होगा, लेकिन वे अब निर्देशन की दुनिया से दूर ही रहने की बात करते आ रहे हैं।

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