- पिछले 14 साल से था डेडलॉक खत्म करने की हुई कोशिश

-बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन ने फुल मेंबरशिप की मांग की

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PATNA : बिहार में पिछले 14 साल से क्रिकेट बदहाली के दौर से गुजर रहा था पर अब क्रिकेटरों को खेलने और अपनी पहचान बनाने का रास्ता साफ दिख रहा है। बीसीसीआई के खिलाफ बार-बार आवाज उठने और क्रिकेटरों के संघर्ष के बाद अब बिहार क्रिकेट की कमान बीसीसीआई ने अपने हाथों में ले लिया है। बीसीसीआई ने बिहार के लिए एडहॉक कमेटी बनाई है। हालांकि इसमें बिहार का कोई भी प्रतिनिधिमंडल या भूतपूर्व खिलाड़ी शामिल नहीं है। इस प्रकार बीसीसीआई बिहार में क्रिकेट की कमान अपने हाथों में रखने का मन बना चुका है।

सुलझाए जाएंगे मामले

बीसीसीआई के सेक्रेटरी अनुराग ठाकुर ने एडहॉक कमेटी के गठन के बाद कहा कि यह फैसला बिहार के क्रिकेटरों की भलाई के लिए किया गया है। क्रिकेट संघों की आपसी टकराव का खामियाजा यहां के नवोदित खिलाडि़यों को वहन करना पड़े यह बेहद दुख की बात है। एडहॉक कमेटी मान्यता संबधी सवालों का निपटारा करेगी। खिलाडि़यों को बेवजह परेशान होने की जरूरत नहीं है।

अभी तो लड़ाई बाकी है

बिहार में क्रिकेट की वर्तमान स्थिति को कहीं से भी उचित नहीं ठहराया जा सकता। एडहॉक कमेटी बनने के बाद भी एक बड़ा सवाल इसके पहचान को लेकर है। क्या अब बिहार में क्रिकेट संघ की लड़ाई और इससे जुड़ी राजनीति बंद हो जाएगी ? इन संघों की मनमानी पर नकेल लग जाएगी? यह देखना अभी बाकी है। क्योंकि पिछले 14 साल से यहां के क्रिकेटरों को संघों ने अपनी मनमानी का शिकार बनाया है। बिहार में क्रिकेटरों काफी संघर्ष करना पड़ा। कभी मोईनुल हक स्टेडियम के बाहर खिलाडि़यों का धरना तो कभी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सेक्रेटरी अजय नारायण शर्मा का घेरना। यही संर्घष आज खिलाडि़यों के काम आया।

ये तो बस लालीपॉप है

बीसीसीआई की ओर से एडहॉक कमेटी के गठन को लेकर सबसे तीखी प्रतिक्रिया बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन की ओर से आया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि यह तो लॉलीपॉप है, इससे ज्यादा कुछ नहीं। हमारी मांग है कि बिहार को क्रिकेट का मेंबरशिप मिले। हम यह पूछना चाहते हैं कि क्या गुजरात या दिल्ली के लोग क्रिकेट की दशा को हर दिन देखने आएंगे या अपना खेल देखेंगे। इसलिए हमारी मांग को गंभीरता से लिया जाए। यह तो एक क्षणिक प्रयास है हम इससे बड़ा परिवर्तन का सपना नहीं देख सकते हैं।

बीसीसीआई के स्टेप का स्वागत

भले ही बीसीसीआई ने एडहॉक कमेटी गठित कर दी हो लेकिन इतना करना काफी नहीं है। इस बात को अलग अलग लोग अलग-अलग अंदाज में कह रहे हैं। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव आदित्य वर्मा ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है। बीसीसीआई के इस प्रयास से क्रिकेट की बहाली में एक नया मोड़ आएगा। नए खिलाडि़यों को भी मौका मिलेगा।

Highlights

बिहार की एडहॉक कमेटी

प्रेसिडेंट- निरंजन शाह, पूर्व सचिव बीसीसीआई

मेंबर- विनोद फड़के सचिव गोवा क्रिकेट एसोसिएशन

रत्‍‌नाकर शेट्टी, जेनरल मैनेजर, स्पोर्टस डेवलपमेंट, बीसीसीआई

सौरभ दासगुप्ता, सचिव त्रिपुरा क्रिकेट संघ

भरत झावेरी, एक्जीक्यूटिव मेंबर, गुजरात क्रिकेट संघ