आगरा। आम लोगों को ही नहीं एडीए एनजीटी को भी गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। यमुना के डूब क्षेत्र में बनीं बहुमंजिला इमारतों के संबंध में एनजीटी ने 26 मई को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे, लेकिन एडीए जवाब दाखिल नहीं कर सका। एनजीटी ने दूसरी तारीख 28 मई दी। एडीए दूसरी तारीख में भी जवाब दाखिल नहीं कर सका है। वहीं, एडीए अधिकारियों के मुताबिक जवाब दाखिल कर दिया है। अन्य विभागों ने जवाब दाखिल नहीं किया है। इसलिए सुनवाई के लिए आठ जून की तारीख दी गई है।

एनजीटी में दायर की थी याचिका

एनजीटी को याचिकाकर्ता डीके जोशी ने बताया था कि यमुना के डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण कराए गए हैं। साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इस पर एनजीटी ने कमिश्नर, जिलाधिकारी, नगर आयुक्त, एडीए वीसी, एडीए सचिव को नोटिस दिया। 26 मई को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे, लेकिन एडीए जवाब दाखिल नहीं कर सका। एनजीटी ने फिर 28 मई को जवाब दाखिल किए जाने के निर्देश दिए। इस बार फिर एडीए द्वारा जवाब दाखिल नहीं करने से कार्रवाई टल गई। अब आठ जून को जवाब दाखिल किए जाने के निर्देश दिए हैं।

'हमने तो जवाब दाखिल कर दिया'

एडीए अधिशासी अभियंता राजीव दीक्षित ने बताया कि उनकी ओर से एनजीटी में जवाब दाखिल कर दिया गया है। अन्य विभागों को भी जवाब दाखिल करना था, लेकिन उनके जवाब दाखिल न करने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी है। जिसके कारण आगे की तारीख निहित की गई है।

गाढ़ी कमाई लगी है दांव पर

यमुना के डूब क्षेत्र में बने फ्लैट्स पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ये डूब क्षेत्र में हैं अथवा नहीं इसका फैसला एनजीटी करेगा। याचिकाकर्ता के अनुसार कल्याणी हाइट्स, पुष्पांजलि हाइट्स, पुष्पांजलि सीजंस, आस्था सिटी आदि करीब 15 बिल्डिंग्स हैं, जो डूब क्षेत्र में बताई गई हैं। इसका फैसला अब आठ जून को होगा।