सावधान, एडीए पर भी आंख बंद करके विश्वास न करें। खास कर जमीन के मामले में। एक बार खुद भी वेरीफाई करा लें। ऐसा भी हो सकता है कि आपके साथ धोखा हो जाए और आप हाथ मलते रह जाएं। कुछ ऐसा ही हुआ है गऊघाट में। नगर निगम के पार्क की जमीन ही एडीए ने बेच दी।

बिल्डिंग खड़ी हो जाने पर पता चला

-गऊघाट में नगर निगम के पार्क की जमीन पर कर लिया कब्जा

-विभाग से एनओसी लिए बगैर कर दी गई जमीन की रजिस्ट्री

-निगम के ऑफिसर्स ने की कमिश्नर से शिकायत, एडीए वीसी से मांगा जवाब

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ALLAHABAD: शहर की सरकारी जमीनों की सुरक्षा और उसे सुनियोजित तरीके से विकसित करने की जिम्मेदारी उठाने वाला इलाहाबाद विकास प्राधिकरण नगर निगम के पार्क की जमीन को बेचकर खुद संकट मोल ले लिया है। कमिश्नर बादल चटर्जी ने नगर निगम के ऑफिसर्स की ओर से की गई इस शिकायत को नोटिस ले लिया और सीधे वीसी से पूछ लिया है कि ऐसा किन परिस्थितियों में हुआ। इससे एडीए में हड़कंप की स्थिति है। पुराने रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं ताकि खुद के बचाव का आधार तैयार किया जा सके।

रखवाला ही विवादों में

शहर में कोई अवैध निर्माण करता है या जमीन पर कब्जा करता है तो एडीए उसके खिलाफ कार्रवाई करता है। निर्माण बंद करा देता है। प्रापर्टी सील कर देता है। नोटिस जारी करता है। यानी दूसरे शब्दों में कहें तो शहर की प्रापर्टी के रखवाले की भूमिका में है वह। लेकिन, यहां मामला थोड़ा उल्टा है। उसने नगर निगम की जमीन पर कब्जा कर लिया और विभाग से एनओसी लिए बगैर उसकी रजिस्ट्री कर दी। मामला गऊघाट का है। नगर निगम के जोनल कार्यालय जोन दो व सफाई कार्यालय जल संस्थान के पीछे नगर निगम की जमीन है। इस पर इन दिनों दो मंजिला मकान बन रहा है। सूत्रों की मानें तो इस जमीन को एडीए ने एक महिला को बेच दिया है। बिल्डिंग का पूरा स्ट्रक्चर खड़ा हो जाने के बाद नगर निगम के ऑफिसर्स को इसका होश आया और उन्होंने जमीन की बिक्री पर आपत्ति जताते हुए कमिश्नर से शिकायत की है।

यहां था नगर निगम का पार्क

कमिश्नर बादल चटर्जी से की गई शिकायत में बताया गया है कि जिस स्थान पर मकान बन रहा है, वहां नगर निगम का पार्क था। मोहल्ले के लोग इसका इस्तेमाल करते थे। पार्क पर कुछ लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया। अब एडीए ने जमीन की रजिस्ट्री कर दी है। शिकायत में कहा है कि नगर निगम की जमीन की रजिस्ट्री की गई है। जिस पर तत्कालीन संयुक्त सचिव बैजनाथ का सिग्नेचर है। नगर निगम के अधिकारियों का आरोप है कि मकान जहां बन रहा है, उससे लगा हुआ रास्ता है। रास्ते की जमीन पर भी कब्जा कर लिया गया है और मकान का बारजा सड़क पर है।

कमिश्नर ने मांगा वास्तविक लेआउट

नगर निगम की तरफ से ऑफिशियली की गई शिकायत को कमिश्नर बादल चटर्जी ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस मामले में वीसी एडीए अजय कुमार सिंह को मार्क कर जवाब मांगा है। उन्होंने कॉलोनी का ओरिजनल ले आऊट मांग लिया है। पूछा है कि लेआऊट में पार्क का जिक्र है तो उसे क्यों चेंज किया गया। इस कारण भी स्पष्ट करने को कहा गया है।