- अफोर्डेबल हाउसिंग में एडीए का शॉर्टकट

- बनाने थे 500 आवास, 96 बनाकर किया काम पूरा, अधिकार पाने से वंचित रह गए आगराइट्स

AGRA। कम कीमत में आशियाना बनाने का सपना आम जनता के लिए मुश्किल ही नजर आ रहा है। क्योंकि एडीए खुद इस काम में टांग अड़ा रहा है। आम आदमी को आवास मुहैया कराए जाने के उद्देश्य से शुरू की गई अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी में भी एडीए शॉर्टकट अपना रहा है। एडीए को मध्य आय वर्ग वालों के लिए भ्00 मकान बनाने थे लेकिन मात्र 9म् मकान बनाकर ही अपना पल्ला झाड़ने में एडीए लगा हुआ है।

आवास दिलाने में एडीए पीछे

आगराइट्स को आवास मुहैया कराने के लिए भले ही स्टेट गवर्नमेंट प्रयास कर रही हो लेकिन एडीए सरकार की योजनाओं में पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। जब कभी गवर्नमेंट की योजना को धरातल पर लाए जाने की बात कही जाती है तभी एडीए जमीन न होने का रोना राे देता है।

बनाने थे भ्00 घर, बना दिए 9म्

एडीए ने मानो हर वर्क को पूरा करने में शॉर्टकट अपनाने की योजना बना ली हो। अफोर्डेबल पॉलिसी के तहत एडीए को सिटी में मध्यम वर्गीय फैमिली के लिए भ्00 आवास बनाने थे लेकिन ऐसा नहीं किया गया। एडीए ने 9म् आवास बनाकर योजना के पूरे होने पर मुहर लगा दी।

क्भ् से ख्0 लाख थी कीमत

शासन ने अफोर्डेबल हाउस के आवास की कीमत भी तय कर दी थी। ताकि मध्यम वर्ग के लोगों को रियायती कीमत क्भ् से ख्0 लाख के बीच में आवास मुहैया कराए जा सकें। शासन की मंशा थी कि इस अफोर्डेबल हाउसिंग योजना से उन लोगों को मदद मिलेगी जो अधिक कॉस्टली आवास परचेज करने में सक्षम नहीं हैं।

केवल प्रॉफिट कमाना रहता है मकसद

एडीए के पास भले ही गवर्नमेंट की योजना को पूरा करने के लिए स्पेस न हो लेकिन एडीए के पास अपनी योजनाएं शुरू करने के लिए भरपूर स्पेस है। फिर चाहे वह एडीए की योजना एडीए हाईट ही क्यों न हो। अपनी योजना से अधिक प्रॉफिट कमाने की एडीए की मंशा थी लेकिन एडीए की वह मंशा पूरी नहीं हो सकी।

ये थे आवासों के मानक-

एलआईजी के लिए म्0 वर्गमीटर

ईडब्लूएस के लिए शासन ने ख्भ् से ब्0 वर्गमीटर का स्पेस फिक्स किया था। वहीं एलआईजी के लिए ब्क् से म्0 वर्गमीटर का एरिया फिक्स किया गया था। योजना के अंतर्गत रेजीडेंशियल इकाइयों के लिए क्0 प्रतिशत ईडब्लूएस व क्0 प्रतिशत एलआईजी टोटल ख्0 प्रतिशत इकाइयां क्रॉस सब्सिडाइजेशन के माध्यम से निर्मित की जानी थी।

क्भ्.भ्0 वर्ग मीटर में बनना था टू रूम सेट

वन रूम का न्यूनतम एरिया क्ख्.भ्0 वर्गमीटर होगा जबकि ख् रूम सेट में पहले रूम का मिनिमम एरिया 9 वर्ग मीटर एवं उसकी न्यूनतम चौड़ाई ख्.भ् मीटर होगी। दूसरे कमरे का न्यूनतम एरिया म्.भ्0 वर्ग मीटर व उसकी न्यूनतम चौड़ाई ख्.क्0 मीटर होगी। दोनों कमरों का टोटल एरिया क्भ्.भ्0 वर्गमीटर से कम नहीं हाेना चाहिए।

क्.80 वर्गमीटर में बनना था टॉयलेट

शासन ने मकान के साथ-साथ मकान के रूम, किचन व टॉयलेट के स्पेस की भी डिटेल बताई थी। जिसमें टॉयलेट के लिए न्यूनतम एरिया 0.90 वर्गमीटर होना था। टॉयलेट का कुल एरिया क्.80 वर्गमीटर व न्यूनतम चौड़ाई क्.0 मीटर होनी थी। कुकिंग के लिए टोटल स्पेस फ्.फ्0 वर्गमीटर रख्ा गया था।

शासन ने सुनाई खरी-खोटी

शासन द्वारा अफोर्डेबल हाउसिंग के तहत बनाए जाने वाले आवासों के प्रति एडीए गंभीर न होने पर शासन ने एडीए को फटकार लगाई है।

ये चल रहे हैं एडीए के प्रोजेक्ट

- ताजगंज रोड स्थित एडीए हाईट्स

- शाहगंज स्थित फ्रेंड्स कॉलोनी में आवास

- कालिंदी बिहार योजना में आवास

- ताजगंज प्रोजेक्ट के तहत आवास

- शास्त्रीपुरम योजना में आवास

एडीए की भले ही इतनी योजनाएं संचालित हो रही हो लेकिन इसके बाद भी गवर्नमेंट द्वारा दी जाने वाली योजनाओं के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।

'अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी के तहत कई आवास बनाए गए थे, जो मोस्टली सेल भी हो चुके हैं। जितना स्पेस था, उतने आवास बनाए जा चुके हैं। शासन ने बनाए गए आवासों की रिपोर्ट मांगी है.'

रवीन्द्र कुमार, एडीए सेक्रेटरी

'अफोर्डेबल आवास के तहत जितने आवास बनाए गए थे, हमने सेल कर दिए हैं। यदि आगे और आवास बनाए जाएंगे तो उन्हें भी सरकार की मंशा के अनुरूप ही सेल किया जाएगा। फिलहाल एडीए के पास जमीन नहीं है.'

राजीव शर्मा, सहायक अभियंता संपत्ति विभाग