ऐसी दी जानकारी
जानकारी देते हुए के. रवि कुमार ने बताया कि बीते दिन इस मामले में समूह के साथ सहमति को लेकर ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर दिए गए हैं। इस निवेश को लेकर MOU पर रवि कुमार और अदाणी समूह के CEO राजेश झा ने अपने हस्ताक्षरों का प्रमाण पदिया है। इसके आगे जानकारी देते हुए कुमार ने बताया कि इस समूह ने राज्य में यूरिया, मीथेन, बिजली व प्राकृतिक गैस के बदले किसी अन्य विकल्प का उत्पादन करने में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना तैयार करने की पेशकश की है।

दो चरणों में लगेंगे कारखाने
उनसे निवेश स्थल व भूमि उपलब्धता के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि MOU इस पूरी प्रक्रिया के तहत पहला चरण है। इस चरण के बाद वह एक पूरी विस्तृत परियोजना की रिपोर्ट को तैयार करेंगे। उस रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही जमीन की सही पहचान की जा सकेगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना को लेकर दो चरणों में कारखाने को लगाया जाएगा।
 
सिंदरी व अन्य स्थानों पर लग सकते हैं कारखाने
कुमार ने इससे जुड़े पहले चरण के बारे में और जानकारी देते हुए बताया कि इस चरण के बाद दूसरे चरण के लिये MOU हस्ताक्षर होने के पांच साल के भीतर शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पहले चरण के निवेश से उत्पादन शुरू हो जाएगा और उसके तीन साल के बाद दूसरे चरण पर भी विस्तार के साथ काम को शुरू कर दिया जाएगा। कारखाना लगाने के सवाल पर उन्होंने जवाब दिया कि इसके लिए धनबाद में सिंदरी व अन्य उपयुक्त स्थानों को चुना जा सकता है।

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