PATNA l बेटियां अब बोझ नहीं मानी जाएंगी। जन्म के साथ ही उन्हें दो हजार रुपए की मदद मिलेगी। पहले टीकाकरण पर भी दो हजार रुपए मिलेंगे। यह बातें सीएम नीतीश कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि इसी तरह पढ़ाई में भी आर्थिक सहायता मिलती रहेगी। यानी बेटी के जन्म से ग्रेजुएट तक 54,100 रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी, जो छात्रवृत्ति और पहले से प्रदत्त सहायता के अतिरिक्तहोगी। उन्होंने कहा कि आवासीय विद्यालय में पढ़नेवाले छात्र-छात्राओं को अनुदान के रूप में भी एक-एक हजार रुपए मिलेंगे। सीएम मंगलवार को बगहा-दो प्रखंड के बिनवलिया में थारू कल्याण महासंघ के महाधिवेशन में बोल रहे थे। नारी सशक्तीकरण के प्रति संकल्प जताते हुए सीएम ने कहा कि शराबबंदी, बाल विवाह निषेध और दहेज उन्मूलन सरकार द्वारा नारी सशक्तीकरण की दिशा में उठाया गया कदम ही है।


2021 को ध्यान में रखकर बढ़ेगा दायरा

मौके पर सीएम ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण का दायरा बढ़ाने की घोषणा भी की। 2021 में होने वाली जनगणना के बाद आबादी के अनुसार आरक्षण का दायरा बढ़ाया जाएगा। सीएम ने कहा कि थारू जनजाति के लिए बहुत प्रयास किए हैं। केंद्र में जब अटल सरकार थी तब रेलमंत्री थे। उस समय तत्कालीन आदिवासी मंत्री से मिलकर थारू समाज को जनजाति का दर्जा दिलाने का कार्य किया था। उन्होंने कहा कि बिहार में सीएम बनने के बाद जनवरी, 2009 में विकास यात्रा के पूर्व उसी दिन सुबह में कैबिनेट की बैठक बुलाकर थारू समाज के लिए थरुहट समेकित विकास अभिकरण लागू किया। इसके माध्यम से अभी तक 125 करोड़ की राशि थारू समाज के कल्याण पर खर्च की जा चुकी है। कुल 260 योजनाएं चयनित की गईं हैं, जिनमें से 239 पूरी कर ली गईं हैं। अनुसूचित जाति जनजाति के 2049 युवाओं को रोजगार दिया गया है।


नियमों को शिथिल कर किया जाएगा नियोजन

नौरंगिया गोलीकांड पर अफसोस जताते हुए सीएम ने कहा कि गोलीकांड में सभी नियमों को शिथिल कर मुआवजा दिया गया। सात लोगों का नियोजन भी होगा। इसके लिए शिक्षा की बाध्यता को शिथिल किया गया है। उन्होंने कहा कि चंपारण सत्याग्रह शता?दी वर्ष में चंपारण को खुले में शौच से मुक्ति की मंशा थी, लेकिन यह नहीं हो सका। आगे यह अभियान जारी रहेगा। वाल्मीकिनगर के एमपी सतीशचंद्र दुबे कहा कि एनडीए विकास का पर्याय है।


दो महीने में हो जाएगा भुगतान

वही राज्य के गन्ना उद्योग व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री फिरोज उर्फ खुर्शीद आलम ने कहा कि भगवान ने चाहा तो गन्ने के मूल्य का भुगतान दो महीने में हो जाएगा। सरकार गन्ना मूल्य के भुगतान को लेकर प्रयासरत है। हालांकि संबोधन के दौरान कुछ किसानों ने उनका विरोध भी किया।