-बेसिक शिक्षा विभाग ने टीचर्स की छुट्टियों के तैयार कराया नया ऐप

-ऐप के जरिए छुट्टियां सैंक्शन करने का शुरू हुआ ट्रायल

ALLAHABAD: परिषदीय स्कूलों के टीचर्स को अब छुट्टियां लेने के लिए अप्लीकेशन लिखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बल्कि उन्हें अब ऐप पर छुट्टी के लिए अप्लाई करना होगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की छुट्टियों को लेकर नया ऐप और पोर्टल तैयार कराया है। फिलहाल ऐप और पोर्टल को विभाग की तरफ से दो माह के ट्रायल पर शुरू किया गया है। इसके बाद इसे जुलाई माह से सूबे में अनिवार्य कर दिया जाएगा।

ट्रायल में मांग रहे फीडबैक

नए ऐप पर लीव के लिए अप्लाई करने के बाद टीचर्स के पास अप्रूवल के लिए मैसेज आएगा। फिलहाल ट्रायल में ऐप यूज करने में आने वाली समस्याओं को देखा जा रहा है। इस बारे में सभी ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारियों से फीडबैक भी मांगा गया है। इसमें जिन समस्याओं का जिक्र किया जाएगा, उसे दूर किया जाएगा।

सैलरी डेटा से होगा कनेक्ट

नए ऐप से छुट्टियां देने के लिए टीचर्स के डेटा को उनकी सैलरी डेटा से जोड़ा गया है। इस बारे में जानकारी देते हुए अपर शिक्षा निदेशक शिविर रूबी सिंह ने बताया कि अभी फिलहाल पूरा डेटा उपलब्ध नहीं होने के कारण उसे सैलरी डेटा से कनेक्ट किया गया है। इसमें भी एक समस्या है। सूबे में होने वाले अंतर जनपदीय तबादलों के बाद बड़ी संख्या में टीचर्स का सैलरी डेटा बदल जाएगा। ऐसे में टीचर्स को एक यूनिक आईडी बनाए जाने की तैयारी चल रही है। ये आईडी टीचर्स को लाइफ टाइम अलॉट रहेगी। आईडी तैयार होने के बाद उसे इस ऐप और पोर्टल से जोड़ दिया जाएगा।

अभी तीन तरीके से मिलती थीं छुट्टियां

-सूबे में अभी तक टीचर्स को तीन प्रकार से छुट्टियों के लिए अप्लाई करने की सुविधा थी।

-इलाहाबाद जिले की बात करें तो यहां पर टीचर्स को अभी तक छुट्टियां लेने के लिए एसएमएस, वॉट्सअप और एक विशेष रूप से कॉल करने के लिए नम्बर दिए गए थे।

-कॉल करके छुट्टी लेने पर टीचर्स के मोबाइल बैलेंस से पांच रुपए कटते थे।

-इसके अलावा एडवांस लीव एप्लीकेशन की भी व्यवस्था थी।

-लीव अप्लीकेशन मिलने के बाद उसे लॉगबुक में एंट्री कर दी जाती थी।

कॉलिंग

टीचर्स को परेशान करने के लिए लगातार नई व्यवस्था लागू की जाती है। वर्तमान में चल रही व्यवस्था में आखिर ऐसी कौन सी खामी थी कि नई व्यवस्था लागू की जा रही है।

-सैयद बहार आलम

शिक्षक

अगर किसी टीचर को इमरजेंसी में अवकाश लेना पड़े और उस समय नेटवर्क नहीं हो तो वह क्या करेगा। इसके लिए जरूरी है कि कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।

-अमर सिंह

शिक्षक

ये व्यवस्था टीचर्स की सुविधा के लिए की गई है। फिलहाल इसे दो माह के ट्रायल पर शुरू किया गया है। एबीएसए से फीडबैक मांगा गया है। जुलाई से इसे अनिवार्य किया जाएगा।

-रूबी सिंह

अपर शिक्षा निदेशक शिविर