-प्रतिबंधित पॉलीथिन से भरा पड़ा है गारमेंट और बर्तन बाजार

-पैकिंग में होता है 50 माइक्रॉन से नीचे के पॉलीथिन का इस्तेमाल

ALLAHABAD: प्रदेश सरकार ने पंद्रह जुलाई से पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारकरीर दिया है। इसमें 50 माइक्रॉन से नीचे के पॉलीथिन शामिल हैं। वहीं पैकिंग पॉलीथिन को प्रतिबंध से अलग रखा गया है। जबकि स्थिति ये है कि कैरीबैग के साथ ही पैकिंग के लिए बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित पॉलीथिन का इस्तेमाल पूरे शहर में होता है।

आसानी से फट जाते हैं फिर भी बैन

50 माइक्रान या फिर उससे अधिक माइक्रॉन वाले पॉलीथिन ऐसे होते हैं, जिन्हें अगर उंगली से फाड़ने का प्रयास किया जाए तो वे आसानी से नहीं फटते हैं। वहीं 50 माइक्रॉन से कम माइक्रॉन वाले पॉलीथिन आसानी से फट जाते हैं। यही इनकी पहचान है। गवर्नमेंट जिस तरह के पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने जा रही है, उसमें एक उंगली से आसानी से फटने वाले प्रतिबंधित पॉलीथिन शामिल हैं।

हर तरफ प्रतिबंधित पॉलीथिन

कपड़े की दुकान हो, किसी कंपनी का शो रूम हो या फिर मॉल ही क्यों न हो। इन स्थानों पर ज्यादातर सामान अब पॉलीथिन में पैक करके ही रखे जा रहे हैं। कपड़ों के साथ ही गिफ्ट आइटम्स और घर में यूज होने वाले सामानों पर जिस तरह की पॉलीथिन का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह 50 माइक्रॉन से कम वाली प्रतिबंधित पॉलीथिन है।

बर्तन बाजार में तो सबसे ज्यादा यूज

50 माइक्रॉन से कम वाले प्रतिबंधित पॉलीथिन का सबसे अधिक इस्तेमाल बर्तन बाजार में किया जा रहा है। कटोरी, चम्मच हो या थाली, हर बर्तन को पॉलीथिन से पैक किया जाता है, ताकि बर्तन की चमक बरकरार रहे। जबकि हकीकत ये है कि बर्तन पैकिंग में इस्तेमाल होने वाले पॉलीथिन भी बैन हैं।

600 मीट्रिक टन कचरा शहर में प्रतिदिन निकलता है

15 प्रतिशत इस कचरे में होता है प्लास्टिक

90 मीट्रिक टन प्लास्टिक वेस्ट निकल रहा है प्रति दिन शहर में

300 से अधिक हैं शहर में बर्तन की दुकानें

1000 के करीब होंगी छोटी-बड़ी सभी मिलाकर कपड़े की दुकानें

किस तरह की पॉलीथिन पर प्रतिबंध होगा अभी इस संबंध में कोई विशेष जीओ नहीं आया है। फिलहाल सभी प्रकार के पॉलीथिन और कैरीबैग प्रतिबंधित किया जाएगा। यह 50 माइक्रॉन से नीचे होंगे और जिन्हें रिसाइकल नहीं किया जा सकता है। प्लास्टिक का व्यापार करने वाले सभी व्यापारियों को नोटिस दे दी गई है। पंद्रह के बाद छापेमारी और दबिश की कार्रवाई तेज होगी।

-रितु सुहास

अपर नगर आयुक्त

पर्यावरण संरक्षण के लिए पॉलीथिन पर प्रतिबंध बहुत जरूरी है। केवल कैरीबैग नहीं, बल्कि सभी प्रकार के प्रतिबंधित पॉलीथिन पर रोक लगनी चाहिए, फिर वे पैकिंग पॉलीथिन ही क्यों न हो।

-मनोज श्रीवास्तव

अध्यक्ष

ग्लोबल ग्रीन