फरियाद लेकर डीएम से मिलने पहुंचे नगला गुलाल के काश्तकार

फीरोजाबाद: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस के लिए चल रही भू अधिग्रहण की कार्यवाही पर विवाद खड़ा हो गया है। नगला गुलाल एवं आसपास के काश्तकार शासन पर दोहरा मापदंड और प्रशासन पर जबरदस्ती करने का आरोप लगा रहे हैं। दो दर्जन से अधिक ग्रामीण शनिवार को अपनी फरियाद लेकर डीएम से मिलने उनके आवास पर पहुंचे।

एक्सप्रेस वे लिए सरकार के पक्ष में जमीन खरीदने का कार्य जिले में अंतिम दौर में आकर फंस गया है। शिकोहाबाद तहसील के जिन पांच गांवों में किसान जमीन देने को तैयार नहीं थे। उनमें से चार गांवों के काश्तकार र्सिकल रेट में सुधार के बाद बैनामा कराने को राजी हो गए। इनमें काफी संख्या में बैनामे हो गए हैं, लेकिन गांव उरावर हस्तर्फ के मौजा नगला गुलाल और जहानाबाद वीरई के ग्रामीण अब भी अपनी जमीन देने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि सरकार ने सैफई के गांवों में एक फसली जमीन की र्सिकल रेट बढ़ाकर एक करोड़ बीस लाख रुपए प्रति हैक्टेयर कर दी है। जबकि नगला गुलाल और जहानाबाद वीरई की तीन फसली जमीन की र्सिकल रेट मात्र 13 लाख रुपए है। इतनी कम कीमत मिलने पर काश्तकारों के सामने भुखमरी के हालत पैदा हो जाएंगे। वहीं प्रशासन अब बैनामा करने के लिए जबरदस्ती कर रहा है। मुकदमा दर्ज कराने एवं शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की धमकी दी जा रही है।

अपनी वेदना लेकर ग्रामीण शनिवार की दोपहर जिलामुख्यालय पहुंचे, लेकिन डीएम से मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद ग्रामीण अपना शिकायती पत्र डीएम आवास पर देकर चले आए। इस दौरान एडवोकेट राजेश कुमार, रामगोपाल, राजीव कुमार, चंद्रवीर सिंह, मिलक सिंह, धर्मेंद्र सिंह, अजय कुमार, बृजेश कुमार, राकेश, राजू, रजन, सुधीर, मोहनलाल, प्राग सिंह, अनूप कुमार आदि मौजूद रहे।