- चार पीएसी और एक कंपनी आरएएफ तैनात

- जिले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर 14 मजिस्ट्रेट लगाए

<- चार पीएसी और एक कंपनी आरएएफ तैनात

- जिले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर क्ब् मजिस्ट्रेट लगाए

Meerut

Meerut : शहर में रह-रहकर साम्प्रदायिक संघर्ष की घटनाओं ने जिला प्रशासन को सकते में डाल दिया है। लिसाड़ी में दो समुदायों के आमने-सामने होने के बाद कहीं शहर का माहौल भी बेपटरी न हो जाए, इसके लिए प्रशासन ने जिले को सात जोन में बांटकर मजिस्ट्रेटों और बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी है। डीएम पंकज यादव और एसएसपी ओंकार सिंह ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि दो अलग-अलग शिफ्टों में सात जोन में सात-सात मजिस्ट्रेट तैनात होंगे। इनके साथ आरएएफ की एक कंपनी, पीएसी की चार कंपनियां और मौजूदा जिला पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। एसएसपी ओंकार सिंह ने कहा कि पर्याप्त पुलिसबल की तैनाती की गई है। शहर में भी गश्त की जा रही है। हालात सामान्य हों, इसकी खातिर पर्याप्त कदम उठाए गए हैं।

डीएम की अपील

डीएम ने कहा कि मौके का मुआयना किया गया है। बीती रात की घटना के बाद अब स्थिति सामान्य है। कानूनी कार्रवाई भी कर दी गई है। उन्होंने मीडिया के माध्यम से शहर की जनता से अपील की है कि लोग सौहार्द और भाईचारे का परिचय दें, क्योंकि विकास का पहिया शांति की पटरी पर ही दौड़ सकता है। डीएम ने यह भी कहा कि शांति समिति की चार बैठकें तय की गई हैं, जिसकी शुरुआत शुक्रवार से कर दी गई है। सभी संप्रदाय के प्रभावी लोगों को लेकर प्रयास होगा कि वे अपने-अपने क्षेत्र में अमन बरकरार रखने की दिशा में प्रशासन की पहल करें। डीएम ने कहा कि लोग अब धैर्य जल्द खोने लगे हैं। कानून का प्रयोग स्वयं करने लगे हैं। क्या इसके पीछे अधिकारियों का खत्म होता इकबाल कारण है, इसके जवाब में दोनों ही अधिकारियों में से किसी ने मुकम्मल जवाब नहीं दिया।

आक्रोशित न हों लोग

धैर्य खोते लोगों को रोकने के लिए प्रशासन के क्या उपाय हैं, इसके जवाब में डीएम ने कहा कि लोगों की शिकायत को सुनने और उसके निपटारे से काफी समस्याओं का निदान हो जाएगा। समस्या के समाधान न होने पर लोग आक्रोशित होते हैं, जो बारूद के समान हैं। यह काम हम अधिकारियों का है कि ऐसे बारूद में आग न लगने दें। हमारी कोशिश है कि हम जनता के असंतोष, आक्रोश को दूर करें।

8भ् के खिलाफ मुकदमा,पांच गिरफ्तार

लिसाड़ी गांव में मस्जिद में लाउडस्पीकर बजाने को लेकर हुए बवाल में 8भ् लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। दोनों समुदाय की ओर से पांच को मौके से गिरफ्तार किया गया। दिनभर पुलिस की मौजूदगी में दोनों समुदाय के लोगों में पंचायत का दौर चला। कई घंटे की अलग-अलग हुई पंचायत में समझौता नहीं हो पाया। दोनों समुदाय के लोगों में समझौता कराने के लिए पूर्व मंत्री डॉ। मेहराजुद्दीन, हाजी जमील मुस्तफा, पूर्व विधायक राजेंद्र शर्मा, सलीम सिद्दीकी और प्रकाश शर्मा ने पंचायत में मौजूद लोगों को समझाने की कोशिश की। इसी बीच पता चला कि दोनों समुदाय के पांच लोगों को पुलिस ने जेल भेज दिया। इसके बाद पंचायत तत्काल ही खत्म हो गई। पंचायत में मौजूद लोगों ने आश्वासन दिया कि, शांति व्यवस्था कायम कर एक दूसरे पर भरोसा करेंगे। इस पर आईजी आलोक शर्मा ने कहा कि लिसाड़ी गांव में स्थिति काबू में है। दोनों ओर से दी गई तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। पांच लोगों को जेल भेज दिया गया। गोली चलाने वाली राइफल का लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा।

कार्रवाई के विरोध में आए भाजपाई

रूद्गद्गह्मह्वह्ल: लिसाड़ी गांव में हुए बवाल में पुलिस ने दोनों संप्रदाय के लोगों पर कानूनी शिकंजा कस दिया है। ऐसे में एक संप्रदाय के खिलाफ हुई कार्रवाई के विरोध में भाजपाई उतर आए हैं। भाजपा नेता शाम को डीएम ऑफिस पहुंचे और निष्पक्ष जांच कर निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई न करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बवाल करने वाले दूसरे संप्रदाय के लोग थे, उनके खिलाफ ही कार्रवाई की जानी चाहिए। इस दौरान डीएम से भाजपाईयों की तीखी नोकझोक भी हो गई थी। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि पुलिस प्रशासन किसी भी व्यक्ति को हथियार का लाइसेंस आत्म सुरक्षा के लिए देता है। राकेश गुर्जर ने अपने को बचाने के लिए फायरिंग की थी, ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि दूसरे संप्रदाय के लोगों ने फायरिंग और पथराव करके बवाल खड़ा कर दिया था। इस दौरान मेयर हरिकांत अहलूवालिया, भाजपा महनगर अध्यक्ष सुरेश जैन रितु राज, जयकरण गुप्ता, करुणेश नंदन गर्ग, डॉ। चरण सिंह लिसाड़ी, हर्ष गोयल, उमाशंकर पाल आदि मौजूद रहे।