- समितियों और घरों में स्थापित प्रतिमा का आज होगा विसर्जन, प्रशासन बनेगा मूकदर्शक

- पहले नहीं किए गए वैकल्पिक इंतजाम और अब धार्मिक भावना आहत होने का है डर

BAREILLY:

सुप्रीम कोर्ट और उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की सख्ती के बावजूद डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन रामगंगा में गणेश प्रतिमा का विसर्जन नहीं रोक पाएगा। क्योंकि, मूर्ति विसर्जन की वैकल्पिक व्यवस्था करने में अफसर देर कर गए। चूंकि, गणेश पूजा शुरू हो चुकी है और मूर्ति विसर्जन की तैयारियां अंतिम पड़ाव में है। ऐसे में, मूर्तियों के विसर्जन को रोकने से धार्मिक भावना आहत हो सकती है। लिहाजा, प्रशासन सांविधानिक दायरे में रहने को बाध्य है।

नहीं है वैकिल्पक इंतजाम

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए धार्मिक अनुष्ठानों के निष्प्रयोज्य वस्तुओं को नदियों में प्रवाहित नहीं किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए एडमिनिस्ट्रेशन को अल्टरनेटिव अरेजमेंट्स करने के आदेश हैं। मसलन प्रतिमा विसर्जन के लिए नदी के किनारे कुंड बनाया जाए। ताकि श्रद्धालु उसमें प्रतिमाओं का विसर्जन कर सकें, लेकिन एडमिनिस्ट्रेशन ने ऐसा कोई इंतजाम नहीं किया है। न ही प्रतिमा विसर्जन से नदियों में होने वाले प्रदूषण और दुष्प्रभावों से श्रद्धालुओं को अवेयर किया। इसके लिए होर्डिग, पम्फलेट, हैंडबिल्स, नुक्कड़ नाटक , सेमिनार, आयोजकों से बातचीत समेत मीडिया की मदद लेने का आदेश है।

धार्मिक भावना भड़कने का डर

गाइडलाइंस के मुताबिक धार्मिक अनुष्ठान से पहले ही वैकल्पिक व्यवस्था कर ली जाए। क्योंकि एक बार किसी तरह का धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हो गया तो उसे रोका नहीं जा सकता है। ऐसे में यदि पीओपी वाली प्रतिमा भी स्थापित कर दी गई है तो उसे भी नहीं हटाया जा सकता है। क्योंकि इसकी जांच करने के दौरान प्रतिमा खंडित होने का डर है। ऐसे में धार्मिक भावना आहत होने का डर है।

धूमधाम से होगा विसर्जन

वहीं संडे को शहर की धार्मिक समितियों की ओर से पंडालों में स्थापित गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। शहर समेत बाहरी इलाकों से रामगंगा में सैकड़ों की तादाद में प्रतिमा का विसर्जन रामगंगा में किया जाएगा। इसके लिए धूमधाम से शोभायात्रा निकली जाएगी और नाचते, गाते, झूमते हुए श्रद्धालु रामगंगा पहुंचकर विसर्जन करेंगे। पुलिस और प्रशासन उनकी सिक्योरिटी के तौर पर मौजूद रहेगा। हालांकि, इस मामले पर जब समिति संचालकों से बात की गई तो उन्होंने पंडालों में पीओपी के बजाय मिट्टी की प्रतिमा की स्थापना की बात कही। जबकि केमिकल रंग हैं या नहीं इस पर जवाब नहीं दे सके।