- प्राइवेट लैंड पर भी कंस्ट्रक्शन के लिए लेनी होगी परमीशन

- उल्लंघन होने पर ऑफिसर्स के खिलाफ भी होगी कार्रवाई

Meerut : सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक स्थलों के निर्माण को लेकर अब जिला प्रशासन ने बेहद कड़ा रुख अपना लिया है। जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अब सार्वजनिक स्थान पर धार्मिक स्थल का निर्माण नहीं होगा। इतना ही नहीं निजी भूमि पर निर्माण के लिए भी अब सक्षम अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। भविष्य में यदि कहीं सार्वजनिक स्थल पर निर्माण होता है तो संबंधित अधिकारी भी जिम्मेदार होंगे।

कई बार हो चुका है बवाल

सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक स्थल के निर्माण को लेकर मेरठ में कई बार बवाल हो चुका है। साथ ही जिला प्रशासन को कानून-व्यवस्था बनाने में भी कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है। थाना कंकरखेड़ा क्षेत्र के अंसल हाउसिंग के अंदर स्थित पार्क में मंदिर निर्माण का प्रयास और थाना नौचंदी क्षेत्र के सेक्टर चार के पार्क में मंदिर निर्माण का प्रयास किया गया। इन स्थलों के निर्माण का स्थानीय स्तर पर विरोध हुआ। इस कारण दोनों जगह पुलिस-प्रशासन को पहुंचकर स्थिति को संभालना पड़ा।

रखी जाएगी नजर

गौरतलब है कि सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक स्थलों का निर्माण किया जाना प्रतिबंधित है। साथ ही निजी भूमि पर भी धार्मिक स्थलों का निर्माण किए जाने से पूर्व सक्षम स्तर से अनुमति लेनी जरूरी है। जिले के सांप्रदायिक दृष्टि से अति संवेदनशील होने के कारण जिला-प्रशासन ने भी अब कड़ा रुख अपनाया है।

वरना नपेंगे अधिकारी

यदि किसी निजी भूमि पर किसी धार्मिक स्थल का निर्माण किया जाना है तो संबंधित व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा सक्षम स्तर से अनुमति ली जाएगी। डीएम ने यह भी चेताया है कि यदि किसी सार्वजनिक स्थान पर धार्मिक स्थल का निर्माण कोई करता है तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा। साथ ही संबंधित अधिकारी भी इसके लिए जिम्मेदार होंगे।

इसकी जिम्मेदारी नगर मजिस्ट्रेट, एसडीएम व सभी अपर नगर मजिस्ट्रेट को सौंप दी है। यह अधिकारी इस बात पर अब कड़ी नजर रखेंगे कि किसी भी सार्वजनिक स्थान पर धार्मिक स्थल का निर्माण किसी भी दशा में न हो पाए।

-पंकज यादव, डीएम