एसएसपी, एसपी सिटी और एसपीआरए थे नदारद

आई नेक्स्ट की टीम सुबह 10 बजे पुलिस ऑफिस पहुंची. टीम ने कुछ देर तक इंतजार किया. उसके बाद कैंपस में खड़ी होकर अफसरों के आने का इंतजार किया. तब पता लगा कि डीएम रवि कुमार एनजी, एडीएम सिटी, एडीएम प्रशासन सहित अन्य अफसर आ गए. कुछ देर बाद पौने 11 बजे टीम दोबारा पुलिस ऑफिस पहुंची. इस दौरान यह पाया गया कि एसपी सिटी, एसपी ग्रामीण और एसएसपी अपने दफ्तर में मौजूद नहीं थे.

हमें क्या मालूम, साहब लोग हैं

रिपोर्टर ने पुलिस ऑफिस में मौजूद पुलिसवालों से यह पता लगाने का प्रयास किया कि अफसरान क्यों अबसेंट हैं. काफी मशक्कत के बाद एक कांस्टेबल बोला कि भाई साहब, आप लोग अफसरों के बारे में हमसे क्यों पूछ रहे हैं. साहब लोग हैं, कहीं स्पॉट पर गए होंगे. उनके बारे में हमें क्या मालूम. हम कुछ नहीं बता सकते हैं.

फरियाद सुनाने को भटकते रहे लोग

पुलिस अफसरों की ना मौजूदगी पब्लिक को खल रही थी. अफसरों के दफ्तर में न होने से लोग इधर-उधर टहल रहे थे. इस दौरान वहां फरियाद सुनाने आए कुछ लोगों से बात की गई तो लोगों ने कहा कि अफसरों के ऑफिस में न बैठने से सभी को प्रॉब्लम होती है. इसलिए अफसरों को दफ्तर में बैठना चाहिए.

मैं दो दिनों से दौड़ रहा हंू, कल भी एसएसपी से मुलाकात नहीं हुई. आज फिर आया हूं. लेकिन एक घंटे से बैठकर इंतजार कर रहा हूं. अभी तक एसएसपी से मुलाकात नहीं हुई.

विश्वनाथ, हरपुर बुदहट

मेरे मामले में कार्रवाई नहीं हो रही है. मैं एसएसपी से मिलना चाहती हूं. उनके न रहने पर एसपी सिटी से मिल लेती, लेकिन वे भी अभी तक ऑफिस नहीं आए.

रंजना सोनकर, गोरखनाथ

थाने पर फरियाद नहीं सुनी गई इसलिए मैं यहां चला आया, लेकिन कप्तान साहब अभी तक नहीं आए हैं. इंतजार कर लेता हूं शायद कुछ देर बाद आ जाएं.

अनिल कुमार, तुर्कमानपुर

डे, नाइट की वर्किंग की वजह से कभी- कभी ऑफिस पहुंचने में देर हो जाती है. त्योहारों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मीटिंग और रात में गश्त होने से ऐसी प्रॉब्लम खड़ी हो रही हैं. सामान्य रूटीन होने पर ऐसी शिकायत नहीं मिलती.

प्रदीप कुमार, एसएसपी

report by : arun.kumar@inext.co.in