RANCHI : बीपीएल बच्चों का प्राइवेट स्कूल में पढ़ने का सपना फिर बिखर सकता है। न्यू सेशन में दाखिले के लिए जो ना‌र्म्स तय किए गए है, उसमें बच्चे के अभिभावक को खुद स्कूल जाकर आवेदन भरना होगा, लेकिन स्कूल आवेदन लेंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं दी गई है। ऐसे में बीपीएल कैटेगरी के बच्चों के एडमिशन का मसला फिर लटक सकता है। पिछले साल भी कई स्कूलों ने बीपीएल परिवार के बच्चों के नामांकन आवेदन को लेने से इंकार कर दिया था। जब उन्होंने डीएसई को इस मामले से अवगत कराया था तो उन्होंने भी इस मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया था।

आईसीएसई स्कूलों में नो एंट्री

आईसीएसई स्कूलों में तो बीपीएल कोटे से बच्चों की नो एंट्री है। पिछले सेशन में डीएसई ऑफिस से 400 बीपीएल बच्चों के आवेदन फॉर्मआइसीएसई बोर्ड से एफिलिएटेड 12 स्कूलों में भेजे गए थे, लेकिन उन्होंने यह कह कर सभी फॉर्म वापस कर दिए थे कि आइसीएसई बोर्ड से जुड़े स्कूल माइनॉरिटी स्कूल के अंतर्गत आते हैं। आरटीई एक्ट के तहत यहां 25 प्रतिशत बीपीएल बच्चों के एडमिशन लेने के नियमों का पालन करने की अनिवार्यता नहीं है। इसके अलावा सीबीएसई से एफिलिएटेड कई स्कूलों ने भी बीपीएल व अभिवंचित कैटेगरी के बच्चों के नामांकन से जुड़े आवेदन को रिसीव ही नहीं किया था।

1-ये आएंगे दायरे में

आरटीई एक्ट के तहत 72 हजार रुपए से कम आय वाले अभिभावक अपने बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिला करा सकते हैं। संबंधित स्कूलों में फॉर्म 5 दिसंबर से 15 जनवरी 2017 तक जमा किया जा सकता है। 1 से 3 और 6 किमी के दायरे में आने वाले पड़ोस के स्कूल में आवेदन समर्पित कर सकते हैं।

2- एज क्राइटेरिया

नर्सरी और एलकेजी में दाखिले के लिए 3 साल 6 महीना से 4 साल 6 महीना के बीच और क्लास 1 में दाखिले के लिए 5 साल 6 महीना से 7 साल के बीच होना चाहिए।

3--डॉक्यूमेंट्स

आवेदन पत्र के साथ पैरेंट्स का आधार कार्ड, पहचान पत्र, बिजली बिल, ड्राइविंग लाइसेंस(कोई एक जिसमें पहचान और स्थान का पता चल सके), दिव्यांग बच्चों का नि:शक्तता प्रमाण पत्र, सीओ द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र की जेरॉक्स कॉपी देना होगा। फॉर्म डीएसई ऑफिस की वेबसाइट पर अवेलेबल है।

4- स्कूलों में देना होगा आवेदन

अल्पसंख्यक, अनाथ, 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग या फिर जिन अभिभावकों की सलाना आय 72000 रुपए से कम हो, दाखिले के लिए आवेदन कर सकते हैं। फॉर्म भरने के लिए स्कूलों में सीधे तौर पर आवेदन कर सकते हैं।

5-57 स्कूलों में एडमिशन

रांची के 57 स्कूलों में एडमिशन का नोटिफिकेशन जारी हुआ है। डीएसई ऑफिस की वेबसाइट पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। नोटिफिकेशन में स्कूल का नाम, सीटों की संख्या समेत तमाम बातों का जिक्र किया गया है।

पिछली दफा भी छले गए थे बीपीएल बच्चे

सेशन 2015-16 के लिए सीबीएसई से मान्यताप्राप्त 53 स्कूलों में एडमिशन के लिए 1000 हजार फॉर्म डीएसई ऑफिस की ओर से भेजे गए थे। कुछ अभिभावकों ने सीधे तौर पर भी स्कूलों में आवेदन किया था। चयन का आधार लॉटरी सिस्टम था। लॉटरी के वक्त शिक्षा विभाग के किसी एक प्रतिनधि का होना और पैरेंट्स का होना जरूरी होता है लेकिन स्कूल कैंपस में पैरेंट्स को घुसने ही नहीं दिया जाता है। स्कूल की ओर से किस आधार पर बच्चों का चयन किया जा रहा है, इसकी जानकारी भी न तो पैरेंट्स को दी जाती है और न ही शिक्षा विभाग को इसका अपडेट दिया जाता है। ऐसी शिकायतें डीएसई ऑफिस में पैरेंट्स लेकर पहुंचे थे। लेकिन शिक्षा अधिकारी चुप्पी साधे बैठे रहे।

डीएसई शिवेंद्र कुमार से सीधी बात

सवाल : बीपीएल कैटेगरी में दाखिले के लिए शिक्षा विभाग खुद फॉर्म स्कूल क्यों नहीं भेजता है?

जवाब : सेशन 2015 तक शिक्षा विभाग फॉर्म कलेक्ट करने के बाद खुद से स्कूल में फॉर्म भेजता था, लेकिन हाइकोर्ट के आदेश के बाद अब पैरेंट्स को खुद से फॉर्म जमा करना है।

सवाल : स्कूलों में पैरेंट्स को इंट्री नहीं मिलती है, फॉर्म जमा करना तो बहुत दूर की बात है। ऐसे में क्या करेंगे?

जवाब : ऐसे स्कूलों के खिलाफ पैरेंट्स लिखित शिकायत दें, हम कार्रवाई करेंगे।

सवाल : पिछली बार कई स्कूलों ने डीएसई ऑफिस से अप्रूव्ड फॉर्म लौटा दिए थे। ऐसे स्कूलों पर क्या कार्रवाई हुई?

जवाब : पिछली बार दाखिले का प्रॉसेस लेट से शुरू हुआ था। इस बार समय से शुरू हुआ है, इसलिए स्कूलों के पास बहाना को कोई मौका नहीं होगा।