- दूसरे से फॉर्म जमा कराया तो जिम्मेदार नहीं होगा कॉलेज

- गड़बडि़यों के कारण स्टूडेंट्स के फॉर्म ही गायब हो गए

DEHRADUN : बीते कुछ सालों में एडमिशन में गड़बडि़यों के कारण स्टूडेंट्स के फॉर्म ही गायब हो गए। ऐसे मामलों को देखते हुए कॉलेज ने स्टूडेंट्स के लिए नोटिस जारी किया है। इसके तहत स्टूडेंट्स को अपने फॉर्म खुद ही जमा कराने होंगे। इसके अलावा इलेक्शंस को देखते हुए कॉलेज की ओर से चुनाव अधिकारी भी नियुक्त कर दिया है।

एग्जाम देने से महरूम रह गए स्टूडेंट्स

डीएवी में अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं कि एडमिशन फॉर्म जमा कराने को दिए गए, लेकिन बाद में गायब हो गए। इसकी वजह यह कि कैंडिडेट्स अपने फॉर्म किसी दूसरे के भरोसे सौंप कर चले जाते हैं। इसी के चलते लास्ट ईयर सैकड़ों स्टूडेंट्स एग्जाम देने से महरूम रह गए थे। कई मामले ऐसे भी सामने आए जिनमें एडमिशन तो हो गया था, लेकिन कहीं नाम गलत भरा गया तो कहीं सब्जेक्ट गलत भर दिए गए। इसे देखते हुए ही कॉलेज ने एडवांस नोटिस जारी किया है। कॉलेज प्रिंसिपल डा। देवेंद्र भसीन ने बताया कि यह नोटिस कॉलेज में कई जगह फ्लैक्स पर लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी कोई स्टूडेंट गलती करता है तो कॉलेज इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा।

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डा.आरके पाठक बने चुनाव अधिकारी

कॉलेज ने नए सेशन में होने वाले इलेक्शन के लिए बॉटनी डिपार्टमेंट से डा.आरके पाठक को चुनाव अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन के लिए अधिसूचना जारी करने से लेकर चुनाव संबंधी सभी जिम्मेदारी डा। पाठक के जिम्मे होगी। इसके अलावा स्टूडेंट यूनियन कोष के प्रभारी भी वही होंगे। अभी चुनाव का प्रोग्राम तय नहीं किया गया है।

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सीटियों के शोर से गूंज उठा कॉलेज

कॉलेज में अभी एडमिशन भी ठीक से स्टार्ट नहीं हुए हैं, लेकिन यूनियन इलेक्शन को लेकर स्टूडेंट्स और संभावित कैंडिडेट्स अपना दमखम झोंकने में जुट गए हैं। इसी कड़ी में फ्राइडे को स्वाति नेगी गुट के नवदीप ने कॉलेज में बाइक रैली निकाली। इस दौरान हार्न और सीटियों के शोर से सारा कॉलेज गूंज उठा। इसके जवाब में एबीवीपी से टिकट के दावेदार पारस गोयल ने भी अपने समर्थकों साथ नारेबाजी कर जवाब दिया। इसी को लेकर कॉलेज ने सख्त कदम उठाते हुए संभावित कैंडिडेट्स को जुलूस और पोस्टर्स हटाने की वॉर्निग दी है।

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आपदा पीडि़तों के लिए भेजा लेटर

बीते साल आई आपदा के बाद गवर्नमेंट ने ऐसे स्टूडेंट्स को आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी। कॉलेज में प्रभावित कैटेगरी के करीब 9फ् एडमिशन लास्ट ईयर किए गये थे और इनका ब्यौरा भी गवर्नमेंट को भिजवाया था। अभी तक इनमें से किसी को भी सरकारी मदद नहीं मिली है। प्रिंसिपल ने बताया कि इस मामले में फ्राइडे को एक बार फिर लेटर रिमांडर के तौर पर जिला शिक्षा अधिकारी को भेजकर मदद दिलाने की मांग की है।