खर्च हजार का, एडमिशन एक का

एक बच्चे का एजूकेशन हब में एडमिशन कितना मुश्किल काम होता है, यह देखने को मिल रहा है इन दिनों रजिस्ट्रेशन के लिए भटक रहे पैरेंट्स को देखकर। अपने बच्चे का एक साल बचाए रखने के लिए पैरेंट्स हर जतन करने को तैयार हैं। एक पैरेंट मनीष नेगी ने बताया कि वह अपने बच्चे को नर्सरी में दाखिल करने के लिए अभी तक चार स्कूल्स के चक्कर काट चुके हैं। ज्यादातर स्कूल्स में अभी रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस चल रहा है। सीट न मिलने के डर से उन्होंने चारों स्कूल्स में रजिस्ट्रेशन कराया है। इस पर अभी तक वह तीन हजार रुपए खर्च कर चुके हैं, जबकि दाखिला अभी तक नहीं मिला है। यह हाल केवल मनीष का ही नहीं है, बल्कि हर वो पैरेंट इस प्रॉब्लम से रूबरू हो रहा है।

कड़ा मुकाबला

खास बात यह है कि एडमिशन के लिए इस बार भी कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। सिटी में नर्सरी की तकरीबन 20 हजार सीट्स हैं। इन पर हर साल 50 हजार से ज्यादा आवेदन आते हैं। यानी एक सीट पर तकरीबन तीन दावेदार। इस कड़े मुकाबले में केवल वेल एजूकेटेड फैमिलीज के बच्चों को ही नामी स्कूल्स में मौका मिलना आम है। एक पैरेंट संगीता ने बताया कि वह अपने बच्चे के लिए कई नामी स्कूल्स में रजिस्ट्रेशन करा चुकी हैं, लेकिन अभी एडमिशन का कोई भी सीन नजर नहीं आ रहा है। आपको बता दें कि लास्ट ईयर भी सिटी के कई स्कूल्स में रजिस्ट्रेशन कराने के बावजूद हजारों बच्चे नामी स्कूल्स में एडमिशन से महरूम रह गए थे।

करोड़ों का खर्च

नर्सरी में रजिस्ट्रेशन के नाम पर ही सिटी में सालाना दस करोड़ से ऊपर का खर्च हो रहा है। सिटी में तकरीबन 80 स्कूल्स में एडमिशन की मारामारी है। इन सभी स्कूल्स में भारी भरकम रजिस्ट्रेशन फीस से होने वाली वसूली की बात करें तो यह आंकड़ा आसमान छू रहा है।

एसोचैम ने भी कहा महंगा रजिस्ट्रेशन

चार जनवरी को एसोचैम के सर्वे के मुताबिक दिल्ली और एनसीओर में नर्सरी के आवेदन फॉर्म पर ही पैरेंट््स के 1200 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होने वाले हैं। ये ही नहीं पैरेंट्स ने टॉप-30 स्कूल्स में आवेदन के लिए ही 30 हजार से अधिक रुपए खर्च करने की तैयारी कर ली है। तकरीबन 800 से एक हजार रुपए इन स्कूल्स के आवेदन फॉर्मों की कीमत है।