द- इन हेरिटेज पर्यटक स्थलों को 'स्मारक मित्र' करेंगे डेवलेप

देहरादून, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर के सहयोग से सेंट्रल टूरिज्म मिनिस्ट्री द्वारा लॉन्च की गई अडॉप्ट ए हेरिटेज स्कीम के तरह उत्तराखंड के 10 टूरिस्ट्स प्लेसेज को डेवलपमेंट के लिए स्मारक मित्रों का इंतजार है. सितंबर 2017 में लॉन्च हुई इस स्कीम के तहत पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के साथ ही इंडिवीजुअल्स को हेरिटेज प्लेसेज के डेवलपमेंट, कंजर्वेशन के लिए इनवाइट किया गया था, इन्हें मॉन्यूमेंट मित्राज (स्मारक मित्र) नाम दिया गया है. हालांकि करीब डेढ़ वर्ष गुजर जाने के बाद इस स्कीम पर काम शुरू नहीं हो पाया है.

एडॉप्ट ए हेरिटेज- अपनी धरोहर, अपनी पहचान

देश के ऐसे टूरिस्ट प्लेसेज जो हिस्टोरिकल इंपोर्टेट रखते हैं, जहां टूरिस्ट्स पहुंचते हैं या फिर टूरिज्म के लिए मुफीद हो सकते हैं, ऐसे प्लेसेज को इस स्कीम के तहत डेवलप किए जाने की योजना है. देश भर में कई प्लेसेज पर इस स्कीम के तहत काम हुआ है. लेकिन, उत्तराखंड इससे अनछुआ है. उत्तराखंड के टूरिज्म डिपार्टमेंट द्वारा ऐसे 10 डेस्टिनेशंस की लिस्ट टूरिज्म मिनिस्ट्री ऑफ इंडिया को भेजी है. अब इनके डेवलपमेंट के लिए मॉन्यूमेंट मित्राज (स्मारक मित्र) का इंतजार है.

उत्तराखंड टूरिज्म की वेबसाइट पर लिस्ट

उत्तराखंड टूरिज्म डिपार्टमेंट की वेबसाइट में एडॉप्शन के लिए चुनी गई हेरिटेज डेस्टिनेशन की लिस्ट तस्वीरों के साथ अपलोड है. इनमें कुछ प्लेसेज रिलीजियस, कुछ टूरिज्म और कुछ हिस्टोरिकल साइट्स हैं, जिन्हें डेवलपमेंट की दरकार है. टूरिज्म विभाग के डिप्टी डायरेक्टर विवेक चौहान के अनुसार केंद्र सरकार की योजना के अनुसार ही इन महत्वपूर्ण साइट्स का सिलेक्शन किया गया है. इन्हें डेवलप करने के लिए मॉन्यूमेंट मित्राज इनवाइट किए गए हैं.

ये डेपलपमेंट वर्क होंगे

- हेरिटेज साइट्स को इजी एक्सेस बनाना ताकि टूरिस्ट्स यहां आसानी से पहुंच सकें.

- बेसिक नीड्स का इंतजाम करना, जिसमें ड्रिंकिंग वाटर, इलेक्ट्रिसिटी की व्यवस्था शामिल है.

- दिव्यांगों टूरिस्ट्स को ध्यान में रखते हुए डेस्टिनेशन को डेवलप करना.

- हेरिटेज प्लेसेज का प्रचार-प्रसार करना.

एडॉप्ट हेरिटेज में ये शामिल

-चौरासी कुटिया (ऋषिकेशा)

-जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट (मसूरी)

-मां राज राजेश्वरी मंदिर (देवलगढ़, पौड़ी)

-गर्ताग गली (नेलॉन्ग वैली, उत्तरकाशी)

-चाईंशील बुग्याल (उत्तरकाशी)

-नारायणकोटि टेंपल (रुद्रप्रयाग)

-दीबा डांडा, गुजराड़ी (पौड़ी)

-क्रैंक्स रिज (अल्मोड़ा)

-पिथौरागढ़ फोर्ट (पिथौरागढ़)

-सती घाट (कनखल, हरिद्वार)

एडॉप्ट हेरिटेज में ये शामिल

चौरासी कुटिया- ब्रह्मलीन महर्षि महेश योगी का आश्रम. इसको बीटल्स आश्रम के नाम से भी जाना जाचा है. यह आश्रम वन विभाग के अधीन है, वर्ष 2016 में इसको टूरिस्ट के लिए खोला गया.

जॉर्ज एवरेस्ट:-जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट भारत के पहले सर्वेयर जनरल को समर्पित है. 1832 में निर्मित यह घर आज जॉर्ज एवरेस्ट हाउस एंड लेबोरेटरी के रूप में जाना जाता है.

नेलॉन्ग वैली:-यह वैली इंडो-चाइना ट्रेड का मुख्य मार्ग रही. सी-लेवल से इसकी अधिकतम ऊंचाई 11 हजार फीट है. 1962 की इंडो-चाइना वार के बाद इस वैली को आवागमन के लिए बंद कर दिया गया था. हालांकि, ट्रैकिंग के लिए परमिशन लेकर यहां ट्रैकर्स एडवेंचर का लुत्फ ले सकते हैं.

पिथौरागढ़ फोर्ट:- यह फोर्ट ऐतिहासिक वास्तुकला का नमूना है. जो समुद्र तल से 5300 फीट ऊंचाई पर स्थित है. फोर्ट एक पहाड़ी पर है, यहां से शहर का मनमोहक फैलाव दिखाई देता है.

सती घाट:-हरिद्वार, कनखल स्थित सती घाट सदियों से तीर्थयात्रियों व आगंतुकों को आकर्षित करता है. यह क्षेत्र शिव व पार्वती के कथानकों से जुड़ा है और आध्यात्मिक महत्व के रूप में देखा जाता है.

क्रैंक्स रिज:-रिज एक पाइपलाइन से ढकी हुई है, जो अल्मोड़ा मुख्यालय के ऊपरी क्षेत्र में स्थित है और यहां फेमस कसार देवी का मंदिर बना हुआ है.

दीबा डांडा:- समुद्र तल से 2520 मीटर ऊंचाई पर स्थित है. यह क्षेत्र देबा डांडा नेशनल पार्क के कारण महत्व रखता है और टूरिस्ट को आकर्षित करता है.

नारायणकोटि मंदिर:-गुप्तकाशी से 4 किमी दूर नारायणकोटि मंदिरों का एक समूह है. ये 9 वीं शताब्दी में बना बताया जाता है. यहां 29 मंदिरों की स्थापना की गई थी. जो लक्ष्मी नारायण, वीरभद्र, सतनयना व नवग्रह को समर्पित थे.