-कुपोषण मिटाने के लिए डीएम ने वर्ष 2017 में गोद लिया था इटौआ बेनी राम गांव

-सुविधाएं मिलना तो दूर, अभी तक मेन रास्ता निकलने के काबिल नहीं हो सका

<-कुपोषण मिटाने के लिए डीएम ने वर्ष ख्0क्7 में गोद लिया था इटौआ बेनी राम गांव

-सुविधाएं मिलना तो दूर, अभी तक मेन रास्ता निकलने के काबिल नहीं हो सका

BAREILLYBAREILLY :

बिथरी चैनपुर के गांव इटौआ बेनी राम के ग्रामीणों को एक वर्ष पहले तब गांव के विकास की उम्मीद जागी थी जब डीएम ने कुपोषण मुक्त करने के लिए इस गांव को गोद लिया था। ग्रामीणों को लगा कि अब गांव की स्थित में भी सुधार आएगा। गांव में सड़क, सफाई समेत अन्य सुविधाएं बढ़ेंगी। लेकिन कुछ समय बाद ही तत्कालीन डीएम का ट्रांसफर हो गया। जिसके बाद डीएम के गोद लिए गांव को अफसर ही भूल गए। इसी का नतीजा है कि डीएम के गोद लिए गांव का मेन रास्ता तक साफ नहीं हो सका। साल भर इस रास्ते पर पानी भरा रहता है, जिसके कारण यहां से लोगों का निकलना तक मुश्ि1कल है।

एक वर्ष से ग्रामीण परेशान

इटौआ बेनी राम गांव को डीएम ने गोद लिया इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। आज भी मेन रास्ते में भरे पानी और कीचड़ से होकर ग्रामीणों को निकलना पड़ता है। इससे परेशान ग्रामीणों ने डीएम, एसडीएम के साथ सीएम को भी प्रार्थना पत्र भेजा, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका। ग्रामीणों का कहना है कि अफसर तो शिकायत के बाद आते हैं, रिपोर्ट भी बनाते हैं लेकिन आज तक उसका नतीजा कुछ नहीं निकला। पांच बार शिकायत करने के बाद परेशान ग्रामीणों ने तहसील दिवस में भी शिकायत की है। इस पर डीएम ने एसडीएम और तहसीलदार से रिपोर्ट मंागी है।

बताया जाता है विवाद

ग्रामीणों का कहना है कि जिस रास्ते में कीचड़ है वहां पर एक तरफ ग्रामीण का खेत है जबकि दूसरी तरफ दूसरे ग्रामीण का प्लॉट है। जब टीम जांच के लिए पहुंचती है और रास्ता ठीक कराने की कोशिश करती है तो दोनों पक्ष इसका विरोध कर देते हैं इसीलिए रास्ता ठीक नहीं हो सका है। वहीं इस मामले में ग्राम प्रधान पति का कहना है अफसरों को कई बार लिखा कि इस समस्या का कोई हल निकाला जाए ताकि पूरे गांव को मेन रास्ते के कीचड़ से निजात मिल सके। लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है।

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कुपोषण के संबंध में डीएम ने वर्ष ख्0क्7 में बिथरी चैनपुर के गांव इटौआ बेनीराम को गोद लिया था। अब कुपोषण हट गया होगा तो गांव गोद भी नहीं रहा होगा।

जितेन्द्र कुमार, बीडीओ

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गांव को डीएम ने गोद लिया है, लेकिन आज गांव के मेन रास्ते को ही ठीक नहीं किया गया है। जिससे ग्रामीणों को निकलने में परेशानी होती है। जब रास्ता ठीक कराने का प्रयास किया जाता है तो कुछ लोग विरोध कर देते हैं इससे अफसरों को अवगत करा दिया गया है।

गीता कुमारी, ग्राम प्रधान इटौआ बेनीराम

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बाेले ग्रामीण

गांव के मेन रास्ते पर एक वर्ष से पानी भरा है। दो वर्ष पहले सुना था कि गांव डीएम साहब ने गोद लिया है लेकिन इसके बाद भी सुविधा बढ़ना तो दूर की बात अब तक मेन रास्ता तक ठीक नहीं हुआ।

ामगोपाल

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गांव के मेन रास्ते से निकलना मुश्किल है वहां से स्कूल जाने वाले बच्चों को सबसे अधिक प्रॉब्लम होती है। लेकिन क्या करें इस रास्ते से निकलने वाले बच्चों के शूज में पानी तक भर जाता है।

नन्हीं देवी