RANCHI : सीएम हेमंत सोरेन और डीजीपी राजीव कुमार को धमकी देने के आरोप में जमशेदपुर के एडवोकेट सुधीर कुमार ठाकुर और गुंजन को अरेस्ट कर लिया है। फ्राइडे को डीजीपी राजीव कुमार ने खुद प्रेस कांफ्रेंस में इसका खुलासा किया। पकड़े गए एडवोकेट ने डीजीपी को बताया कि उसके परिचित और जमशेदपुर वेलफेयर ऑफिसर संजय कुमार ठाकुर ने उन्हें प्रभाष मिश्रा को फंसाने के लिए सीएम और डीजीपी को एसएमएस करने के लिए कहा था। सुधीर कुमार ठाकुर की अरेस्टिंग जमशेदपुर के टेल्को थाना एरिया से हुई है।

इसलिए रची साजिश

डीजीपी राजीव कुमार ने आई नेक्स्ट को बताया कि जिस मोबाइल नंबर से उन्हें और सीएम को जान से मारने की धमकी दी थी, वह नंबर आदित्यपुर के गर्ग स्टोर के ओनर प्रभाष मिश्रा के नाम से है। इसमें डॉक्यूमेंट प्रूफ के नाम पर सिमडेगा का फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस दिया गया था। पूछताछ में सुधीर कुमार ठाकुर ने बताया कि उसका रिश्तेदार संजय कुमार ठाकुर जमशेदपुर में डिस्ट्रिक्ट वेलयफेयर ऑफिसर है। प्रभाष मिश्रा का बहनोई सुनील झा वेलफेयर ऑफिस में संजय कुमार ठाकुर का क्लर्क है। संजय उसे काफी तंग करता था। उसने इस बात की जानकारी अपने साले प्रभाष कुमार मिश्रा को दी। प्रभाष कुमार मिश्रा ने संजय कुमार ठाकुर के खिलाफ तीन-चार बार आरटीआई डाला। इससे संजय कुमार ठाकुर विचलित हो गए। उन्होंने यह बात एडवोकेट सुधीर कुमार ठाकुर को बताई। सुधीर ने फर्जी तरीके से प्रभाष कुमार मिश्र के नाम पर वोडाफोन कंपनी का एक नंबर ले लिया। पहले उसने चाकुलिया के बीडीओ को एसएमएस कर जान से मारने की धमकी दी, उसके बाद जमशेदपुर के एक बिजनेसमैन को भी एसएमएस के थ्रू धमकी दी। जब पुलिस का कोई रिएक्शन नहीं हुआ, तो उसने सीएम और डीजीपी के नंबर पर धमकी भरा एसएमएस भेज दिया। एसएमएस में लिखा कि नक्सली ऑपरेशन को रोकें, अन्यथा जान से मार दिया जाएगा। सुधीर ने सोचा कि बड़ी हस्तियों को एसएमएस भेजने पर पुलिस एक्टिव होगी और प्रभाष मिश्रा पकड़ा जाएगा।

सेलिब्रेट भी किया

जब आदित्यपुर से प्रभाष मिश्रा समेत चार लोगों को हिरासत में लेने की सूचना मिली तो उनलोगों ने उस रात पार्टी भी की। वे लोग निश्चिंत थे कि अब प्रभाष मिश्रा का जेल जाना तय है, लेकिन सरायकेला पुलिस, सिमडेगा पुलिस और रांची पुलिस हेडक्वार्टर के टेक्निकल एक्सप‌र्ट्स अब भी इस नंबर के पीछे पड़े हुए थे। प्रभाष मिश्रा से पूरी बात जानने के बाद पुलिस ने असली मुजरिम तक पहुंचने का निर्णय लिया। पुलिस ने योजना के मुताबिक, सभी अखबारों, इलेक्ट्रिानिक मीडिया में बात फैला दी कि प्रभाष मिश्रा ही मेन एक्यूज्ड है। इस पर वे लोग आश्वस्त हो गए और मोबाइल को ऑन कर दिया। मोबाइल ऑन होते ही टेक्निकल सेल ने थर्सडे की रात में टेल्को एरिया में छापेमारी की और आरोपी को पकड़ लिया।