मुख्यमंत्री के साथ पुलिस प्रशासन का पुतला फूंका, शाम को निकाला कैंडल मार्च

ALLAHABAD: इलाहाबाद में गुरुवार दस मई को अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव की गोली मारकर की गई हत्या को लेकर जिला कोर्ट के वकीलों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है।

शूटर्स को गिरफ्तार करने की मांग

नामजद होटल कारोबारी की गिरफ्तारी और उसे जेल भेजे जाने के बाद भी युवा क्रांतिकारी अधिवक्ता संघ के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार करने के साथ एसएसपी कार्यालय के सामने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व पुलिस प्रशासन का पुतला फूंक कर प्रदर्शन किया।

गिरफ्तारी के बगैर नहीं करेंगे काम

शाम को सिविल लाइंस एरिया में कैंडल मार्च निकाल कर विरोध जताया। आन्दोलित अधिवक्ता शूटर्स की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। नाराज वकीलों ने सोमवार को एसएसपी ऑफिस के बाहर भी जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ताओं ने शूटर्स की गिरफ्तारी हुए बगैर अदालती कामकाज शुरु नहीं करने की चेतावनी भी दी है। प्रदर्शन करने वालों में इक्तेदार अहमद, फखरूद्दीन, विपिन सोनकर, नजर इकबाल कुरैशी, अजीम अंसारी, कर्ण सिंह, प्रमोद भारतीय, फहद अलीम, गुलाम साबिर आदि शामिल रहे।

शूटर्स को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग

जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष उमाशंकर तिवारी, मंत्री कृष्ण चंद्र मिश्र की मौजूदगी में संघ भवन पर आम सभा हुई। इसमें अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव के शूटरों की गिरफ्तारी की मांग के साथ ही नाले पर किए गए अवैध निर्माण को ढहाने की मांग की गई।

परिजनों को नहीं मिली सुरक्षा

आम सभा में 11 मार्च 2015 को दरोगा शैलेंद्र सिंह द्वारा गोली मारे जाने से मौत के शिकार अधिवक्ता नबी अहमद के परिजनों के पत्र पर चर्चा हुई। नबी अहमद के पिता मो। शाहिद सिद्दीकी व भाई नूर अहमद ने संघ द्वारा दी गई आर्थिक सहायता राशि को वापस करने का प्रस्ताव रखा है। क्योंकि उन्हें अभी तक सुरक्षा नहीं मिल सकी है।

रायबरेली में अधिवक्ता कर रहे ट्रायल

घटना के बाद तत्कालीन अध्यक्ष की मौजूदगी में निर्णय लिया गया था कि आरोपी दरोगा शैलेंद्र सिंह की पैरवी जिला न्यायालय का अधिवक्ता नहीं करेगा। मामला रायबरेली ट्रांसफर हुआ। ट्रायल के दौरान जिला न्यायालय के एक वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा रायबरेली जाकर ट्रायल किया जा रहा है। अब पिता-पुत्र की जान को खतरा है। नबी अहमद के पिता की मांग को जायज ठहराया गया। एसएसपी से सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की गई।