हाल ही में फौजिया जब काबुल स्थित प्रेसिडेंट पैलेस से बाहर निकलीं तो उनके एक कंजरवेटिव पार्लियमेंटेरियन ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘मोहतरमा अगर आपको वाकई किसी पैलेस में रहने का इतना ही शौक है और आप इसी वजह से प्रेसिडेंट का इलेक्शन लड़ रही हैं तो उससे बेहतर तो यह होगा कि आप किसी प्रेसिडेंट से निकाह कर लें.’’

इस इंसीडेंट को कई वीक्स बीत चुके हैं, लेकिन इस बारे में बात करते हुए फौजिया की ब्राउन आइज अब भी हैरानी से फैल जाती हैं। काबुल के अपने रेजिडेंस में एक इंटरव्यू के दौरान फौजिया ने इस बारे में बातचीत के करते हुए कहा, ‘‘मुझे यह देखकर वाकई गुस्सा आता है कि वह इस सब को इस तरह से देखते हैं कि अगर कोई फीमेल प्रेसिडेंट बनने के बारे में सोच रही है तो सिर्फ इसलिए क्योंकि वह पैलेस में रहने की ख्वाहिशमंद है.’’

पता चला है कि फौजिया ने उनसे सवाल पूछने वाले पार्लियामेंटेरियन को मुंह तोड़ जवाब देते हुए कहा कि पिछले 30 बरस में अफगानिस्तान के मर्दों का पास्ट डाउटफुल रहा है, लेकिन उन्हें किसी पैलेस की दीवारों के पीछे मुंह छिपाने की कोई जरूरत नहीं है.Fawzia Koofi

 

वह कहती हैं, ‘‘कई बार मुझे इस बात की खुशी होती है कि वह मेरे अगेंस्ट हैं। इसका मतलब उन्हें मेरी स्ट्रांग पर्सनेलिटी से डर लगता है और मैं उन्हें करारा जवाब भी देती हूं.’’ अमेरिका की एक वेबसाइट सर्वे में ईयर की 150 फियरलेस लेडीज की लिस्ट  में शामिल की गईं 36 इयर ओल्ड  फौजिया विडो हैं और दो बेबी गर्ल्स की मदर हैं।

फौजिया एक ऐसे देश में हौंसले की मिसाल हैं, जिसे महिलाओं के लिए वर्ल्ड की सबसे खराब जगह के तौर पर देखा जाता है.  उन्होंने अपनी डाटर्स के नाम लिखे लेटर्स में अपने बारे में कई तरह की इनफार्मेशन दी हैं। उन्होंने अपने को एक ऐसी लेडी के तौर पर प्रेजेंट किया है जो बेहद वीक और होपलेस लेडी थी और अपने हसबेंड की सेवेन वाइफस में से एक थी।

एज चाइल्ड भी उनकी लाइफ कोई एक्साइटिंग नहीं थी वह 23 बच्चों की फेमिली में जन्मी थीं और उनकी मां को यह अच्छी तरह पता था कि फौजिया के फादर इस बच्ची के जन्म पर खुश नहीं होने वाले हैं इसलिए उसे के बर्थ के फौरन बाद उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया।
नन्ही सी बच्ची पूरा दिन धूप में रोती बिलखती रही। आखिरकार उसकी मां को अपने किए पर पछतावा हुआ और उसने अपनी बेटी को सीने से लगा लिया, लेकिन तब तक फौजिया की कोमल त्वचा तेज धूप से बुरी तरह झुलस चुकी थी, जिसके निशान बरसों तक उनके बदन ही नहीं बल्कि उनकी रूह पर बने रहे।
पार्लियामेंट के नजदीक एक रैंटल हाउस में रहने वाली फौजिया के घर की वाल्स पर दो फोटो लगे हैं। उनमें से एक उनके पिता का है और दूसरा राष्ट्रपति हामिद करजाई के साथ उनकी अपनी तस्वीर है।

अपनी पास्ट मेमोरीज को लेटर में मेंशन करते हुए फौजिया ने लिखा है कि उनके फादर पॉलिटीशियन थे और जब उनका मर्डर हुआ वह सिर्फ तीन साल की थीं.  तालिबान को 2001 में अमेरिकी आर्मी ने पावर से बेदखल कर दिया। तालिबानी रूल में लड़कियों के स्कूल जाने पर पाबंदी थी, महिलाओं को पूरा बदन ढककर घर से बाहर निकलने दिया जाता था और दुराचार के मामले में उन्हें संगसार कर दिया जाता था।
हालांकि काबुल की सडक़ों पर अब भी महिलाएं ज्यादा नजर नहीं आतीं, लेकिन फौजिया ने तमाम प्राब्लम्स के बावजूद अच्छी एजुकेशन हासिल की और उनका कहना है कि पिछले दस साल महिलाओं के लिए अच्छे अवसर लेकर आए हैं।

फौजिया को डर है कि नाटो की फौजों के अफगानिस्तान से चले जाने के बाद यहां फिर से तालिबानी रूल्स वापस आ जाएगा। वह कहती हैं, ‘‘फ्यूचर को लेकर बहुत अनर्सटेटी और कन्फ्यूजन है। महिलाओं में इस बारे में चिंता है.’’ देश की टॉप इस्लामी ऑग्रेनाइजेशन उलेमा काउंसिल ने यह कहकर महिलाओं की चिंता और बढ़ा दी है कि पुरूष बेसिक नीड हैं और महिलाएं उनके बाद हैं।

फौजिया के अनुसार करजाई ने इस बात का खुलकर फेवर किया है और उनका कहना है कि अफगानिस्तान की जनता यही चाहती है.  वह कहती हैं, ‘‘मुझे नहीं लगता कि लोग ऐसा चाहते हैं। मैं मानती हूं कि हम सभी मुसलमान हैं, लेकिन इस्लाम के प्रति हमारी सोच तालिबान से अलग है।

महिलाओं की भलाई के लिए बहुत सी चीजें बदली हैं और पॅलिटिकल फील्ड में भी लेडीज ने काफी प्रोग्रेस की है। लड़कियां स्कूलों में पढ़ रही हैं और उन्हें लीगल सर्पोट हासिल है.  फौजिया के अनुसार, ‘‘इस सब के बावजूद अफगानिस्तान आज भी होने वाली मांओं के लिए सबसे खराब जगह है और बहुत सी लेडीज डोमेस्टिक वायलेंस और टार्चर फेस कर रही हैं।

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