बराबर मिली थी दोनों को जमीन

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ताजमहल और ताजनगरी में मौजूद होटल्स इंडस्ट्रीज की सेफ्टी प्वॉइंट को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने ताजगंज में फायर स्टेशन बनवाने के लिए प्रपोजल शासन को भेजा था। काफी विचार-विमर्श के बाद इसके लिए जमीन उपलध कराने की जिम्मेदारी एडीए को मिली। फायर स्टेशन के साथ-साथ टूरिस्ट थाना भी बनना था। एडीए ने फायर स्टेशन और पर्यटन थाने के लिए फतेहाबाद रोड पर बराबर जमीन  करा दी।

सुरक्षा से हो रहा खिलवाड़

अभी फायर स्टेशन ईदगाह एरिया स्थित पुलिस लाइन में है, यह दूरी ताजमहल से काफी दूर पड़ती है। इसी कारण से सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के तहत ताजगंज में ही फायर स्टेशन बनाये जाने के आदेश दिए गए थे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पर्यटन थाना तो बनाया गया फायर स्टेशन की जमीन देहात एरिया में आवंटन हुई। इसकी भी दूरी की ईदगाह स्थित फायर स्टेशन के समान ही है। बमरौली कटारा में ही फायर स्टेशन बनता है तो वहां से दमकलों को आने में काफी टाइम लगेगा।

तीन साल पहले हो गया 'खेलÓ

2010 में पर्यटन थाना बना दिया गया। पर्यटन थाने ने फायर स्टेशन की जमीन पर भी निर्माण कर लिया। फायर स्टेशन की बात आई तो उसके लिए बमरौली कटरा के पास तीन बीघा जमीन दे दी गई। यह जमीन भी एक गड्डे के रूप में है। अग्निशमन विभाग यहां भी फायर स्टेशन नहीं बना पाया। सीएफओ ने बताया कि फाइल अभी शासन में अटकी हुई है।

नहीं माने कोर्ट के भी आदेश

उच्च न्यायालय के आदेश यह हैं कि ताजमहल की सिक्योरिटी के सभी इंतजाम 500 मीटर रेडियस के दायरे में होने चाहिए। जो रेड जोन, यलो जोन, पुलिस सिक्योरिटी और फायर स्टेशन इसी रेंज के अनुसार बनाया जाना चाहिए। लेकिन फायर स्टेशन की जमीन बमरौली कटरा में मिली है। जो 7-8 किमी दूर है। पर्यटन थाने की जगह पर ही फायर स्टेशन होना चाहिए था।

स्टाफ की है कमी

ताजगंज फायर स्टेशन अभी ईदगाह से ही चल रहा है। फायर स्टेशन के नाम पर तैनात फायर कर्मी और उपकरणों की कमी से जूझ रहा है।

एफएसओ    -    01

फायरमैन    -     07

ड्राईवर    -       02

दमकलें    -      02  

एबी पांडेय, सीएफओ आगरा.

पूरे यूपी के प्रपोजल एक साथ भेजे जाते हैं। प्रॉयरिटी पर नंबर आते हैं। फायर स्टेशन की जगह को स्वीकृ ति मिल गई है.