- एटीएस कर रही पड़ताल, कई संपर्को को सर्विलांस पर लिया गया

- मेहरबान अली की मदद से वीजा दिलाने की दुकान चला रहा था

- शनिवार को जावेद और अल्ताफ को लेकर एटीएस टीम आएगी वापस

LUCKNOW :

फैजाबाद से दबोचा गया आईएसआई एजेंट आफताब वीजा दिलाने के नाम पर नौजवानों को आईएसआई एजेंट बनने के लिए प्रेरित करता था। मेहरबान अली ने जब उसका वीजा बनाया तो वह उसका करीबी बन गया और फैजाबाद के तमाम युवकों का वीजा बनाने की दुकान खोल ली। एटीएस के शिकंजे में आए इमरान का पाकिस्तान का वीजा भी आफताब ने मेहरबान अली की मदद से बनवाया था और इसके एवज में 13 हजार रुपये लिए थे। अब एटीएस उन सभी लोगों को चिन्हित कर रही है जिनका वीजा आफताब ने बनवाया था। एटीएस उनकी लोकेशन और मूवमेंट पर पैनी नजर रखे हैं।

सेना में बना रहा था पैठ

जांच में यह भी सामने आया है कि आफताब फैजाबाद में सेना के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों से संपर्क स्थापित कर रहा था। इसकी पुष्टि मेहरबान अली से उसकी बातचीत की रिकॉर्डिग से हुई है जिसमें आफताब उससे कह रहा है कि 'मैं आर्मी के लोगों से दोस्ती कर रहा हूं, लेकिन इसमें थोड़ा वक्त लगेगा। इसे मद्देनजर रखते हुए मिलेट्री इंटेलिजेंस ने भी अपनी पड़ताल शुरू कर दी है और उसके निशाने पर तमाम सैन्यकर्मी आ चुके हैं। हालांकि अभी तक किसी सैन्यकर्मी से आफताब का लिंक होने की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन एहतियात के तौर पर प्रत्येक पहलू पर जांच जारी है। मालूम हो कि आफताब की गिरफ्तारी में मिलेट्री इंटेलिजेंस भी शामिल थी। उन्होंने आफताब से गहन पूछताछ भी की थी। आफताब के फोन की सीडीआर का भी बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह किन लोगों से ज्यादा संपर्क करता था।

नौ दिन की रिमांड पर आफताब

वहीं दूसरी ओर आफताब को आज अदालत में पेश किया गया जहां उसे नौ दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजे जाने का आदेश जारी हो गया। अब एटीएस आफताब को कल सुबह लखनऊ जेल से रिमांड पर लेकर आईएसआई से जुड़े राज उगलवाने का प्रयास करेगी। साथ ही जावेद और अल्ताफ को भी रिमांड पर लिया जाएगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे आफताब के अलावा और कितने आईएसआई एजेंटों को पैसा दे रहे थे। इसके अलावा मुंबई में सक्रिय आईएसआई के नेटवर्क के बारे में भी पता लगाया जाएगा।

पिता के दोस्तों ने दिखाया ISI का रास्ता

वहीं दूसरी ओर मुंबई से पकड़े गये हवाला ऑपरेटर जावेद और अल्ताफ को एटीएस की टीम शनिवार को लेकर आएगी जिसके बाद उन्हें अदालत में पेश कर रिमांड पर लेने की कवायद की जाएगी। जांच में सामने आया है कि जावेद के पिता इकबाल के कुछ दोस्त आईएसआई के संपर्क में आ गये थे। वहीं जावेद ने हवाला के कारोबार में अपनी जड़ें जमानी शुरू तो उसका संपर्क उन लोगों से हुआ। पिता के दोस्तों ने ही उसे आईएसआई के अधिकारियों से मिलवाया जिसके बाद वह उनके इशारे पर काम करने लगा। इसका फायदा उसे हवाला के कारोबार में भी मिलता था। आईएसआई के अपने संपर्को के जरिए वह मिडिल ईस्ट के देशों में अपना कारोबार फैलाता जा रहा था। एटीएस को उम्मीद है कि जावेद के मोबाइल से उसे कई ऐसी अहम जानकारियां मिल सकती है जिससे यूपी में आईएसआई के नेटवर्क का खुलासा किया जा सकता है। वहीं इस मामले में आईबी ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है और फैजाबाद और लखनऊ के छावनी इलाकों में हुई रेकी के बारे में जानकारियां जुटाई जा रही है।