- सपा 120 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की करेगी घोषणा

- रामगोपाल यादव को सौंपी गयी थी प्रत्याशियों के चयन की जिम्मेदारी

LUCKNOW: सपा जल्द ही आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करेगी। माना जा रहा है कि जल्द होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार (28 मार्च को होने की संभावना) के बाद 120 सीट पर सपा अपने प्रत्याशियों को टिकट देने का ऐलान कर देगी। पिछले विधानसभा चुनाव में इन सीट पर सपा को हार का सामना करना पड़ा था। जल्दी टिकट देकर प्रत्याशियों को चुनाव की तैयारी करने का खासा वक्त मिलेगा। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव जल्द ही टिकटों की घोषणा कर सकते हैं।

दो कैटेगरी में बांटा

पार्टी सूत्रों के मुताबिक गहन मंथन के बाद इन सीट को दो कैटेगरी में बांटा गया है। पहले में वे सीट हैं जहां सपा दूसरे नंबर पर रही थी। वहीं, दूसरी कैटेगरी में उन सीट को शामिल किया गया है, जहां पार्टी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। दरअसल, पार्टी ने हारी हुई सीट्स पर प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया पिछले साल ही शुरू कर दी थी। दावेदारों से आवेदन मांगने के बाद उनकी स्क्रीनिंग और इंटरव्यू हुआ। इसके बाद केन्द्रीय नेतृत्व ने गहन मंथन के बाद टिकट फाइनल करने का सिलसिला चालू कर दिया। मालूम हो कि पिछले विधानसभा चुनाव में सपा ने 224 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, 2007 के चुनाव में पार्टी को महज 97 सीटें ही मिली थी। इसके बाद बसपा सत्ता में आ गयी थी।

कई विधायकों के कटेंगे टिकट

पार्टी सूत्रों की मानें तो कई सिटिंग विधायकों के टिकट भी काटे जा सकते है। इनमें से ज्यादातर विधायक वे हैं जिन्होंने पंचायत चुनाव के दौरान बागी रुख अपनाया या फिर पार्टी उम्मीदवार का खुलकर समर्थन नहीं किया। ऐसे विधायकों की भी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान तक पहुंच चुकी है। वहीं पार्टी पश्चिमी उप्र में पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है। पश्चिमी उप्र में पार्टी का सियासी गणित पिछले तीन सालों से सही नहीं बैठ रहा है जिसकी वजह से उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने सपा से दो सीटें (देवबंद और मुजफ्फरनगरर) छीन ली। इसे देखते हुए पार्टी पश्चिमी उप्र में जातीय समीकरणों को देखने के बाद ही टिकट फाइनल करेगी।

बृजलाल भी उतरे चुनाव मैदान में

पूर्व डीजीपी बृजलाल ने भी चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है। वे कपिलवस्तु से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहे है। दलित चेहरा होने की वजह से पार्टी में उनका टिकट पक्का माना जा रहा है। शायद यही वजह है कि बृजलाल ने होली की शुभकामनाओं के जगह-जगह होर्डिग लगवाये हैं जिसमें कपिलवस्तु से चुनाव लड़ने का ऐलान भी किया गया है। मालूम हो कि रिटायरमेंट के बाद बृजलाल ने तमाम कयासों को दरकिनार करते हुए भाजपा ज्वाइन कर ली थी। बसपा सुप्रीमो मायावती के कभी बेहद 'खास' रहे बृजलाल के इस कदम ने राजनेताओं के साथ ब्यूरोक्रेसी को भी आश्चर्य में डाल दिया था।